राशनकार्ड समर्पित किये जाने की समयावधि: राशन कार्ड सरेंडर करने की तारीख बढ़ी : आपके लिए जरूरी है पढ़ें पूरी खबर.

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गरीबों का खाद्य सुरक्षा देने के लिए भारत सरकार राशन की सुविधा मुहिया कराती है। सरकार राशन कार्डधारकों को प्रत्येक व्यक्ति को हर महीने पांच किलो गेहूं और चावल दो से तीन रुपये में उपलब्ध कराती है। बता दें कि भारत में आम तौर पर तीन प्रकार से राशन कार्ड बनते हैं। गरीबी रेखा के ऊपर रहने वाले लोगों को एपीएल कार्ड (APL) मिलता है। वहीं गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों के लिए बीपीएल (BPL) कार्ड है। इसके साथ ही सबसे गरीब परिवारों के लिए अन्‍त्योदय (Antyodaya) राशन कार्ड बनता है।

 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार “अपात्र को ना- पात्र को हां” अभियान के अन्तर्गत अपात्र राशनकार्ड धारकों को अपना राशनकार्ड समर्पित किये जाने की समयावधि 31 मई, 2022 से बढ़ाकर 30 जून 2022 कर दी गई है।

अगर की ये गलती तो फंस सकते है मुश्किल में 
दरअसल बीपीएल कार्ड और अत्योंदय कार्ड धारकों को सरकार की तरफ से ज्यादा राशन मिलता है। ऐसे में लोग राशन कार्ड बनवाने या किसी का नाम जुड़वाने के लिए फर्जी कागजात लगा देते हैं या राशन कार्ड में दर्ज व्यक्ति की मौत के बाद भी उसके कोटे का राशन ले रहे होते हैं, बता दें कि इअसा करना आप पर भारी पड़ सकता है। इस गलती के सरकार आपको जेल या जुर्माना अथवा दोनों से दंडित कर सकती है।

फर्जी राशन कार्ड बनवाने वालों पर पांच साल की सजा और जुर्माना 
भारत के फूड सिक्योरिरटी एक्ट के तहत अगर आप फर्जी राशन कार्ड बनाते हैं तो आपको पांच साल की सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है। इसलिए अगर आप राशन कार्ड बनाते हैं तो सही जानकारी ही खाद्य विभाग को दें। अगर सही जानकारी आप नहीं देते हैं तो आपको पछताना भी पड़ सकता है।

जानकारी के मुताबिक आपूर्ति विभाग ने पुराने राशनकार्डों की यूनिटों के आधार पर ही सस्ता गल्ला विक्रेताओं को गेहूं, चावल उपलब्ध कराया है। अब 15 तारीख से मु्फ्त चावल का वितरण शुरू हो गया । परेशानी यह है कि दुकानदारों को नए कार्डों में दर्ज यूनिटों के आधार पर राशन ही नहीं दिया गया है। जबकि कार्ड धारकों को मौखिक बताया जा रहा है कि कोटे की दुकान पर जाकर राशन ले लें।

कार्ड धारकों में बहुतेरे ऐसे हैं, जिनके मोबाइल पर कार्ड सक्रिय होने और राशन प्राप्त कर लेने का मैसेज आया है, लेकिन सस्ता गल्ला विक्रेताओं की पॉश मशीनों में उनका विवरण नदारत है। किसी का विवरण मिल भी गया तो उसके कार्ड की यूनिट का राशन नहीं मिला। लाइसेंसी भी परेशान हैं कि करीब 30 फीसदी बढ़ी यूनिटों पर पुराने कार्ड धारकों की यूनिटों के आधार पर मिला राशन उन्हें कैसे दें।

जानकारी के मुताबिक नए कानून के मुताबिक प्रक्रिया ऐसी है कि नया राशन कार्ड जारी होने के करीब 90 दिन बाद या इसी अवधि में ही उसके हिस्से का राशन आवंटित किया जाता है। खाद्यान्न आवंटन पर शासन स्तर से निर्देश मिलने के बाद ही कुछ किया जा सकता है।ऐसे में अप्रैल और मई में जारी कार्डों पर जून के पहले राशन मिल पाना मुश्किल होगा।

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