उत्तराखंड में सघन सत्यापन अभियान: 10 साल से रह रहे लोगों, रेहड़ी पटरी वालों और किरायेदारों का होगा वेरिफिकेशन,अभियान की प्रतिदिन रिपोर्ट हर जिले से पुलिस मुख्यालय में भेजी जाएगी।

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उत्तराखंड पुलिस पूरे प्रदेश में 10 दिनों तक सघन सत्यापन अभियान चलाएगी। इस दौरान उत्तराखंड में 10 वर्षों से रह रहे लोगों, रेहड़ी पटरी वालों और किरायेदारों का सत्यापन किया जाएगा। अभियान की प्रतिदिन रिपोर्ट हर जिले से पुलिस मुख्यालय में भेजी जाएगी।

बुधवार को डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में सत्यापन अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं ताकि राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिल सके। इसके लिए बुधवार शाम को गढ़वाल और कुमाऊं रेंज के साथ ही सभी जिलों के पुलिस प्रभारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मीटिंग की गई।

उन्होंने सभी जिलों में सघन सत्यापन अभियान चलाने के निर्देश दिए। कहा कि यदि कोई लंबे समय से बिना सत्यापन के प्रदेश के किसी भी हिस्से में रह रहा है तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

ऑपरेशन क्लीन स्वीप: मिश्रित आबादी में गतिविधियों पर कड़ी नजर
डीजीपी ने बताया कि सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वालों पर पैनी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए ऑपरेशन क्लीन स्वीप चलाया जाएगा। सोशल मीडिया की निगरानी भी की जा रही है। जो लोग सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास करते हैं उन्हें चिह्नित किया जाएगा। सभी जिलों में मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में विशेष नजर रखी जाएगी ताकि कोई भी गतिविधि अप्रिय लगे तो समय रहते कार्रवाई की जा सके।

पुलिस समय-समय पर ऐसे सत्यापन अभियान चलाती रहती है। मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में यह भी इसी तरह का सत्यापन अभियान है। 10 दिनों तक सभी थाना पुलिस अपने-अपने क्षेत्रों में इस अभियान में भाग लेगी। सत्यापन का फोकस इंडस्ट्रियल क्षेत्र, रेहड़ी पटरी वाले इलाके, बाजार आदि में अधिक रहेगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया के माध्यम से साफ संदेश दिया कि राज्य की शांति में जिन लोगों से अस्थिरता आ सकती है, उनका चारधाम यात्रा में प्रवेश पूरी तरह से वर्जित होगा। उनकी यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। मंगलवार को मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सत्यापन से छूट गए लोगों की पहचान के लिए अभियान चलाए जाने का एलान किया था।

बुधवार को उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट डाली। उन्होंने लिखा, हमारी संस्कृति हमारी पहचान है। इसके बिना हमारा कोई भी अस्तित्व नहीं। चारधाम हमारी संस्कृति के अभिन्न अंग हैं। इसलिए हमारी सरकार पूरी कोशिश करेगी कि जिन लोगों के पास उचित सत्यापन नहीं होंगे या जिनके कारण प्रदेश की शांति व्यवस्था में अस्थिरता आ सकती है। चारधाम यात्रा के दौरान ऐसे व्यक्तियों का प्रवेश राज्य में पूरी तरह से वर्जित होगा। उधर, बदरीनाथ के पूर्व विधायक महेंद्र भट्ट की सोशल मीडिया पोस्ट की भी चर्चा है। भट्ट ने लिखा कि चारधाम यात्रा जो आएंगे, उन्हें चरणामृत पिलाया जाएगा।

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