रूस यूक्रेन जंग के बीच रूस ने भारत को बड़ा ऑफर दिया:भारत यह ऑफर स्वीकार कर लेता है तो इससे न सिर्फ भारत की विदेशी मुद्रा बचेगी बल्कि भारतीय मुद्रा और मजबूत होगी.

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यूक्रेन (Ukraine) से जंग की वजह से रूस पर चौतरफा प्रतिबंध लग रहे हैं. ऐसे में, प्रतिबंधों की मार झेल रहे रूस (Russia) ने भारत को एक बड़ा प्रस्ताव दिया है. रूस ने आयातित सामानों के भुगतान के लिए भारत को ऑफर दिया है. भारत सरकार इस प्रस्ताव पर विचार कर रही है.

रूस ने भारत को दिया बड़ा ऑफर

दरअसल, डॉलर में भुगतान बंद होने की वजह से रूस के केंद्रीय बैंक ने पेमेंट के लिए एक नया सिस्टम विकसित किया है. गौरतलब है कि भारत रूस से मुख्य तौर पर कच्चा तेल और हथियारों का आयात करता है. दूसरी तरफ इसी महीने भारत ने यूक्रेन से सप्लाई बाधित होने की वजह से सूरजमुखी के तेल का बड़ा सौदा भी किया है.

भारत सरकार कर रही है विचार

ब्लूमबर्ग में छपी खबर के अनुसार, रूस के मैसेजिंग सिस्टम एसपीएफएस (SPFS) के इस्तेमाल से भारत रुपये-रूबल में भुगतान कर सकता है. हालांकि, अभी तक भारत सरकार ने इस ऑफर पर कोई फैसला नहीं किया है. इसी बीच आज रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लैवरोव (Sergei Lavrov) दो दिन की भारत यात्रा पर आ रहे हैं. उम्मीद है कि इस दौरान इस प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है. अब सवाल है कि भारत को इससे क्या फायदा मिलेगा? दरअसल, इसके बदले में भारत को कम कीमत पर रूस से कच्चा तेल मिलने की उम्मीद है और अगर ऐसा हुआ तो भारत के लिए यह बड़ी राहत होगी.

कैसे काम करेगा रूस का यह सिस्टम

इस खास सिस्टम में रूसी मुद्रा यानी रूबल को भारतीय बैंकों में जमा किया जाएगा और फिर इसे भारतीय मुद्रा यानी रुपये में बदल दिया जाएगा. ठीक इसी तरह रुपये को रूबल में बदलकर भुगतान किया जाएगा. इतना ही नहीं, रूस भारतीय और रूसी बैंकों की ओर से जारी कार्डों को एमआईआर पेमेंट्स सिस्टम (MIR payments system) से आपस में जोड़ना भी चाहता है.

भारत आएंगे रूसी अधिकारी

चौतरफा प्रतिबंध की मार झेल रहे रूस ने इसके लिए भारत को बस ऑफर ही नहीं दिया है, बल्कि इस प्रस्ताव पर विस्तृत चर्चा करने के लिए रूस के केंद्रीय बैंक के अधिकारी भारत भी आ सकते हैं. दरअसल, भारत हथियारों के लिए रूस पर निर्भर है और साथ ही कच्चे तेल में लगातार हो रही तेजी के कारण भी भारत रूस से सस्ता तेल खरीदने का इच्छुक है. हालांकि इस जंग के बाद रूस पर वैश्विक दबाव जरूर है लेकिन, रूस पर अंतराराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद सस्ते तेल की उम्मीद में भारत द्विपक्षीय व्यापार जारी रखना चाहता है.

बहरहाल, यह तय है कि अगर भारत, रूस का यह ऑफर स्वीकार कर लेता है तो इससे न सिर्फ भारत की विदेशी मुद्रा बचेगी बल्कि भारतीय मुद्रा और मजबूत होगी.

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