मुलायम सिंह यादव की 40 साल पुरानी लव स्टोरी जो यूपी के अखिलेश यादव को इन चुनावों में दर्द देती रहेगी. रोचक कहानी.

VSCHAUHAN for NEWS EXPRESS INDIA

मीडिया जानकारी मुताबिक अखिलेश यादव 9 साल के थे। राजनीति या इश्क नहीं समझते थे। तब पापा के साथ खेलते हुए उन्हें ये पता नहीं था कि उस वक्त जो हो रहा था उस पर 40 साल बाद उन्हें जवाब देना पड़ेगा। 19 जनवरी 2022 को अखिलेश एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। एक पत्रकार ने पूछा- अखिलेश जी अपर्णा BJP में चली गईं। क्या कहेंगे। अखिलेश को जवाब देते नहीं बन रहा था। इतना ही कह पाए- उनको शुभकामनाएं।

कहानी शुरू होती है 40 साल पहले, यानी 1982 से…
देश में कांग्रेस टूट रही थी। UP में पिछड़ा वर्ग, खासकर के यादवों का दबदबा बढ़ रहा था। उन्हें उनके नेताजी जो मिल गए थे। जनता, पार्टी और नई उम्र की लड़कियां तक उस हंसमुख चेहरे पर फिदा थीं। नाम है- मुलायम सिंह यादव। तब उनकी मूंछें काली थीं। उम्र, 43 साल। लाइफस्टाइल मैगजीन की रिसर्च कहती है कि इंडिया के मर्द 35 से 45 साल में सबसे ज्यादा आकर्षक दिखते हैं।

तब समाजवादी पार्टी नहीं थी। राष्ट्रीय लोकदल था। औरैया जिले के बिधूना के रहने वाले कमलापति की 23 साल की बेटी नर्सिंग की ट्रेनिंग कर रही थी। लेकिन वो राजनीति में कुछ करना चाहती थी। वो गोल-मटोल स्वीट सी दिखने वाली लड़की कुछ राजनीतिक कार्यक्रमों में आई। उसी दरमियान मुलायम की आंखें उससे टकराईं। उस लड़की का नाम है- साधना गुप्ता। तब क्या हुआ और क्या नहीं, सिर्फ एक ही शख्स जानता था। उनका नाम था- अमर सिंह। अब वह नहीं रहे।

मुलायम की इस कहानी के कुछ पन्ने सुनीता एरोन ने खोले थे…
एक राइटर हैं, सुनीता ऐरोन। इन्होंने अखिलेश यादव की बायोग्राफी ‘बदलाव की लहर’ लिखी थी। इसमें कुछ पन्ने उन्होंने मुलायम की लव स्टोरी पर खर्च किए थे। सुनीता एरोन के मुताबिक, “:शुरुआत में साधना और मुलायम की आम मुलाकातें हुईं। मुलायम की मां की वजह से दोनों करीब आए। मुलायम की मां मूर्ती देवी बीमार रहती थीं। साधना ने लखनऊ के एक नर्सिंग होम और बाद में सैफई मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मूर्ति देवी की देखभाल की।”

गलत इंजेक्‍शन लगाने से रोकने पर इंप्रेस हुए मुलायम
सुनीता एरोन लिखती हैं, “मेडिकल कॉलेज में एक नर्स मूर्ति देवी को गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी। उस समय साधना वहां मौजूद थीं और उन्होंने नर्स को ऐसा करने से रोक दिया। साधना की वजह से ही मूर्ति देवी की जिंदगी बची थी। मुलायम इसी बात से इम्प्रेस हुए और दोनों की रिलेशनशिप शुरू हो गई। तब अखिलेश यादव स्कूल में स्टूडेंट थे।” दरअसल, साधना खुद नर्स रही हैं। उन्होंने शुरुआती दिनों में कुछ दिनों तक नर्सिंग होम में काम भी किया है। इसलिए उन्हें इंजेक्‍शन का आइडिया था।

6 साल तक अमर सिंह ने मुलायम की लव-स्टोरी छिपाए रखी
साल 1982 से 1988 तक अमर सिंह इकलौते ऐसे शख्स थे जो जानते थे कि मुलायम को प्यार हो गया है। उन्होंने किसी से कहा नहीं। कहते भी कैसे- मुलायम के घर में पत्नी मालती देवी और बेटे अखिलेश थे।

साल 1988, तीन चीजें एक साथ हुईं

  1. मुलायम मुख्यमंत्री बनने की एकदम चौखट पर खड़े हुए।
  2. साधना अपने पति चंद्र प्रकाश गुप्ता से अलग रहने लगीं। उनकी गोद में एक बच्चा था।
  3. मुलायम ने अखिलेश को साधना से मिला दिया।

सच तो ये है कि सही तरीके से साधना मुलायम की जिंदगी में आईं 1988 में और 1989 में मुलायम UP के CM बन गए। तब से वह साधना को लकी मानने लगे। पूरे पर‌िवार को बात पता थी। कहता कोई नहीं था। अब जब सब कुछ सामने आ ही रहा था तब 2007 में मुलायम ने अपने खिलाफ चल रहे आय से अधिक संपत्ति वाले केस में सुप्रीम कोर्ट में एक शपथपत्र दिया।इसमें लिखा था-
मैं स्वीकार करता हूं कि साधना गुप्ता मेरी पत्नी और प्रतीक मेरा बेटा है।

2007 तक पुराने पन्ने खंगाले गए, नई रिपोर्ट लिखी गई। उनमें ये सब लिखा गया-

  • मुलायम की एक और बीवी और एक और बच्चा भी है।
  • आज से नहीं 1994 से।
  • 1994 में प्रतीक गुप्ता ने स्कूल के फॉर्म में अपने परमानेंट रेसिडेंस में मुलायम सिंह का ऑफिशियल एड्रेस लिखा था।
  • मां का नाम साधना गुप्ता और पिता का एमएस यादव लिखा था।
  • 2000 में प्रतीक के गार्जियन के तौर पर मुलायम का नाम दर्ज हुआ था।
  • 23 मई 2003 को मुलायम ने साधना को अपनी पत्नी का दर्जा दिया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *