ओपिनियन पोल बताते हैं उत्तराखंड में बीजेपी आ रही है लेकिन बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर. किसकी सरकार होगी? पढ़ें पूरी खबर.

ब्यूरो

कुछ चैनल्स कुछ एजेंशिया सर्वे करके अपना-अपना ओपिनियन पोल बता रहे हैं सभी अपने अपने आंकड़े लगा रहे हैं इस बार किसकी सरकार आ सकती है कभी-कभी ओपिनियन पोल फेल हो जाते हैं. फिर भी मिलाजुला कर क्या बोलते हैं ओपिनियन पोल किसकी सरकार आने की संभावना है उत्तराखंड को को पांच साल के कार्यकाल में तीन-तीन मुख्यमंत्री देने वाली भाजपा क्या दोबारा सत्ता में आएगी? या फिर पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह की तिगड़ी की बदौलत कांग्रेस वापसी करते हुए एक बार फिर उत्तराखंड में सरकार बनाएगी।

इन सभी राजनैतिक सवालों के जवाब आखिरकार 10 मार्च को मतगणना के बाद मिल ही जाएगा। फिलहाल, एक ताजा ओपिनियन पोल में भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों में कांटे की टक्कर दिख रही है। दूसरी ओर ‘आम आदमी पार्टी’ भी दोनों पार्टियों के वोट बैंक पर सेंध लगाने को भी तैयार बैठी है। उत्तराखंड के गढ़वाल-कुमाऊं के सभी 13 जिलों में 14 फरवरी को मतदान होगा।

एबीपी न्यूज के ओपिनियन पोल सर्वे के नतीजे बताते हैं कि उत्तराखंड में एक बार फिर बीजेपी की ही सरकार बनेगी। भाजपा को 36-40 सीटें मिलने के आसार हैं। विपक्षी कांग्रेस की बात करें, तो इसबार कांग्रेस को 26 से 30 सीटों पर ही संतुष्ट होना पड़ेगा। कर्नल अजय कोठियाल को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित कर चुनावी मैदान में उतरने वाली ‘आप’ को एक से तीन सीटों पर ही सिमट सकती है, जबकि अन्य को सिर्फ एक ही पार्टी से संतुष्ट होना पड़ेगा।

ओपिनियन पोल की बात करें, मुख्यमंत्री चेहरे पर 37 फीसदी वोटों के साथ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पहली पसंद बने हुए हैं। जबकि, 29 प्रतिशत वोटों के साथ पुष्कर सिंह धामी दूसने नंंबर हैं।  ‘आप’ के कर्नल अजय कोठियाल नौ फीसदी वोटों के साथ लोगों की तीसरी पसंद बने हुए हैं, जबकि भाजपा के सांसद अनिल बलूनी को 18 फीसदी लोग उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री देखाना चाहते हैं।

भाजपा: धामी समेत कई हैं कई चेहरे
भाजपा में फिलहाल सीएम के रूप में वर्तमान सीएम पुष्कर सिंह धामी ही सबसे आगे हैं। जुलाई 2021 में वर्तमान सरकार के तीसरे सीएम के रूप में कार्यभार संभालने के बाद धामी ने लगातार प्रदेश के दौरे पर हैं। पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा समेत सभी नेता धामी को भविष्य बता चुके हैं।

इससे माना जा रहा है कि भाजपा में फिलहाल धामी ही सीएम को चेहरा हो सकते हैं। हालांकि, पार्टी में मुख्यमंत्री के कई दावेदार हैं, इनमें पूर्व सीएम डा. रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत, राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज भी शामिल हैं।

कांग्रेस: रावत, प्रीतम और आर्य-गोदियाल भी
कांग्रेस में जाहिर तौर पर इस वक्त चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष पूर्व सीएम हरीश रावत और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ही भावी सीएम की दौड़ में है। दोनों के समर्थकों का मानना है कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर इनमें ही एक व्यक्ति सीएम बनेगा। इन सबके बीच जिस प्रकार दलित सीएम की बात कांग्रेस में आती रही है।
उससे यशपाल आर्य का नाम भी इस दौड़ में शामिल हो जाता है। इधर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के समर्थक उन्हें छुपे रूस्तम की तरह देख रहे हैं। सत्ता में आने पर सीएम के पद के शीर्ष नेताओं में संघर्ष होने पर गोदियाल भी बाजी मार सकते हैं। भाजपा से निष्कासित होने के बाद हरक सिंह रावत को कांग्रेस ज्वाइन करवाने पर तीन दिन बाद भी कोई फैसला नहीं लिया गया है।

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