चर्चित बुल्ली बाई एप: तार उत्तराखंड से भी जुड़े हैं,रुद्रपुर से एक युवती गिरफ्तार.मुंबई साइबर सेल ने बेंगलुरु से इंजीनियरिंग के छात्र को हिरासत में लिया था.पढ़ें पूरी खबर.

VS CHAUHAN for NEWS EXPRESS INDIA

चर्चित बुल्ली बाई एप मामले के तार उत्तराखंड से भी जुड़े हैं। मुंबई की साइबर पुलिस ने ऊधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर से एक युवती को गिरफ्तार किया है। यह युवती इंटरमीडिएट पास है और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है। आरोप है कि उसने ट्विटर के माध्यम से समुदाय विशेष की महिलाओं की बोली लगवाई थी। बताया जा रहा है कि वह तीन अकाउंट संचालित कर रही थी। मुंबई पुलिस ट्रांजिट रिमांड में उसे महाराष्ट्र लेकर गई है। इधर, इस मामले में उत्तराखंड पुलिस मुंबई पुलिस से जानकारी जुटा रही है।

बताया जा रहा है कि बुल्ली बाई एप पर समुदाय विशेष की 100 से ज्यादा महिलाओं के फोटो अपलोड किए गए हैं। इन फोटो पर उनकी बोली लगाई जा रही है। कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने इस मामले में पुलिस को कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। पुलिस ने पड़ताल करने के बाद सोमवार को बेंगलूरु से एक युवक को गिरफ्तार किया था।इंजीनियरिंग का यह छात्र विशाल खालसा सुपरमिस्ट नाम से अकाउंट चला रहा था। सब कुछ पंजाबी में लिखा हुआ था। कुछ दिन बाद उसने अपने अकाउंट का नाम भी बदल दिया था।

इसी क्रम में पड़ताल करते हुए पता चला कि एक जनवरी को भी एक पोस्ट हुई थी। यह पोस्ट जाट खालसा नाम के ट्विटर हैंडल से किया गया था। तलाश करते हुए पुलिस इस युवती तक पहुंच गई। उत्तराखंड पुलिस के प्रवक्ता सेंथिल अबुदई कृष्ण राज एस ने बताया कि श्वेता सिंह नाम की युवती को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने शुरुआती जानकारी के आधार पर बताया कि श्वेता तीन अकाउंट संचालित कर रही थी। फिलहाल उसके एक ही अकाउंट के बारे में जानकारी मिल सकी है। ट्विटर के जरिये उसने समुदाय विशेष की महिलाओं की बोली लगवाई थी।

उत्तराखंड एसटीएफ भी हुई सक्रिय 

महिला की गिरफ्तारी के बाद उत्तराखंड एसटीएफ को भी सक्रिय कर दिया गया है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि एसटीएफ अपने स्तर से जानकारियां जुटा रही है। तमाम सोशल मीडिया अकाउंट की निगरानी की जा रही है। इसके साथ ही इस तरह के एप पर भी नजर रखी जा रही है। कुछ दिन पहले इस तरह का एक और एप चर्चा में आया था। हालांकि, अभी तक उत्तराखंड में किसी पीड़ित का नाम सामने नहीं आया है। एसटीएफ के अंतर्गत दोनों साइबर थानों की पुलिस इस मामले की पड़ताल में जुट गई है।

चार भाई-बहन हैं श्वेता के, माता पिता की हो चुकी है मौत 

श्वेता सिंह रुद्रपुर की रहने वाली है। उसके पिता एक कंपनी में काम करते थे। गत वर्ष उनकी कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है।जबकि माता की मौत 2011 में हो गई थी। उसकी दो बहनें और एक भाई हैं। एक बहन बीकॉम कर रही है और अन्य दोनों भाई बहन भी पढ़ाई कर रहे हैं। श्वेता खुद भी इंटरमीडिएट पास है और वर्तमान में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है। उसके परिवार का खर्च वात्सल्य योजना के तीन हजार रुपये और पिता की कंपनी की ओर से दिए जाने वाले 10 हजार रुपये से चलता है। हालांकि, इस काम से उसे रुपये मिल रहे थे या नहीं इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है।

बेंगलुरु से इंजीनियरिंग का छात्र गिरफ्तार

इससे पहले मुंबई साइबर सेल ने सोमवार को बेंगलुरु से इंजीनियरिंग के छात्र को हिरासत में लिया था, जिसे मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया है।मुंबई पुलिस सूत्रों ने बताया की विशाल झा के अलावा और भी लोग हैं, जिन्होंने ने इस एप्लिकेशन को बनाने में भूमिका निभाई है. इसके अलावा पुलिस को जानकारी मिली है कि गिरफ़्तार आरोपी ने 31 दिसंबर को इस एप्लिकेशन का नाम बदलकर सिख कम्युनिटी से जुड़ा नाम रख दिया था और इसे सिख फ़ोर जस्टिस (एसएफजे) ने तैयार किया ऐसा दिखाने की कोशिश की थी.
महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री सतेज पाटिल ने पुलिस को बुल्ली बाई एप के डेवलपर्स के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
उल्लेखनीय है कि बुल्ली बाई एप कुछ दिन से सुर्खियों में है। महिलाओं की अश्लील तस्वीरों को एक अज्ञात समूह इंटरनेट प्लेटफॉर्म गिटहब का उपयोग करके एक एप पर अपलोड कर रहा है और उन्हें एप पर बुल्ली डील ऑफ द डे के नाम से साझा किया जा रहा है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने पिछले साल जुलाई माह में प्राथमिकी दर्ज की थी, परंतु आज तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

क्यों चर्चा में है बुल्ली बाई एप?

बुल्ली बाई एप को खोलने पर एक मुस्लिम महिला की तस्वीर बुल्ली बाई के तौर पर सामने आती है। ट्विटर पर अधिक फॉलोवर वाली मुस्लिम महिलाएं जिनमें पत्रकार भी शामिल है, इसमें उनकी तस्वीरें अपलोड की गई हैं। मामले में पुलिस ने अज्ञात अपराधियों के खिलाफ आईपीसी और आईटी एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

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