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सुनने के बाद यकीन करना मुश्किल होता है कि एक भाई अपनी सगी बहन के साथ रिश्तो को तार-तार कर देगा. यानी के सगा भाई अपनी सगी बहन के साथ दुष्कर्म करेगा. भाई तो अक्सर अपनी बहन की रक्षा करता है. यह कैसे संभव है. विश्वास ना करने वाले एक ऐसे ही मामले में देहरादून में सगी बहन से दुष्कर्म करने वाले भाई को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्वनी गौड़ की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 10 साल कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 30 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड अदा नहीं करने पर उसे तीन माह अतिरिक्त जेल में रहना होगा।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार ने बताया कि घटना पांच अक्टूबर 2020 को ऋषिकेश कोतवाली क्षेत्र में हुई थी।पीड़िता के पति ने ऋषिकेश कोतवाली में तहरीर देकर बताया था कि घटना वाले दिन वह सुबह ड्यूटी पर चला गया था। उसके जाने के बाद पत्नी, बेटी को स्कूल छोड़ने चली गई। जब पत्नी घर लौटी तो उसके पीछे-पीछे पत्नी का भाई भी घर तक पहुंच गया। उसने घर में बहन को अकेला पाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इस बीच महिला की चीख-पुकार सुनकर मकान मालिक वहां पहुंच गया और दोषी को पकड़ लिया।
इस मामले में ऋषिकेश कोतवाली पुलिस ने मकान मालिक को मुख्य गवाह के तौर पर पेश किया। पीड़ित पक्ष से इसके अलावा भी पांच गवाह पेश किए गए। बचाव पक्ष से महिला का भाई खुद गवाह के तौर पर पेश हुआ। सोमवार को अदालत ने इस मामले में महिला के भाई को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि महिला के साथ उसके भाई ने पहले भी छेड़छाड़ की थी, लेकिन बदनामी के डर से पीड़िता ने यह बात किसी को नहीं बताई।