पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के आह्वान पर हजारों की संख्या में कर्मचारी सड़क पर उतर आए।

Rajender Singh for news express india

पुरानी पेंशन बहाली की मांग पुरजोर होती जा रही है। सोमवार को पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के आह्वान पर हजारों की संख्या में कर्मचारी सड़क पर उतर आए। सबने एकजुटता के साथ मांग की कि उनका एक ही अधिकार है, पुरानी पेंशन को बहाल किया जाए। सोमवार को पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के आह्वान पर भारी संख्या में कर्मचारी परेड ग्राउंड में एकत्र हुए। पुरानी पेंशन बहाली को लेकर प्रदेशभर से एकजुटता के साथ कर्मचारी देहरादून पहुंचे थे। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु और महासचिव स्थिति प्रज्ञा ने कहा कि पूरा देश एक बार फिर पुरानी पेंशन को बहाल करने के लिए लामबंद हो रहा है। उत्तराखंड से इस क्रांति की शुरुआत हो रही है, जो पूरे देश में अभियान बनेगी। उन्होंने कहा कि एक दिन निश्चित तौर पर सरकार को पुरानी पेंशन बहाल करनी ही होगी। करीब 50 कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि इस प्रदर्शन का हिसत्सा बने। बड़ी संख्या में कर्मचारी हाथों में पुरानी पेंशन बहाली की मांग का बैनर लेकर सचिवालय की ओर बढ़े। पुलिस ने पहले से ही व्यवस्था बनाई हुई थी।

सचिवालय से पहले ही बेरिकेडिंग लगाकर सभी कर्मचारियों को रोक लिया। इस दौरान पुलिस के साथ धक्कामुक्की भी हुई। बाद में सभी कर्मचारी सचिवालय से पहले ही धरने पर बैठ गए। उन्होंने जमकर नारेबाजी की। हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल, हिमाचल के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर और उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली ने कहा कि कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद सुरक्षित भविष्य चाहिए। यह सुरक्षित भविष्य नई पेंशन स्कीम नहीं बल्कि पुरानी पेंशन स्कीम में ही मिलेगा।

कर्मचारी नेताओं का कहना है कि पुरानी पेंशन का लाभ न मिलने से कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद खाली हाथ रह रहा है। नई पेंशन स्कीम के तहत उन्हें जो पैसा दिया जा रहा है, उससे उनका घर चलाना मुश्किल हो गया है। इस दौरान मुख्यमंत्री के जनसंपर्क अधिकारी मुलायम सिंह रावत उनसे मिलने आए। संगठन ने उन्हें सीएम के नाम ज्ञापन दिया और मुख्यमंत्री से मुलाकात की मांग की। इस पर जनसंपर्क अधिकारी ने मंगलवार को सीएम से मिलने का आश्वासन दिया। इसके बाद कर्मचारी चले गए।

पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के प्रदेश महामंत्री मुकेश रतूड़ी, कोषाध्यक्ष शांतनु शर्मा, जगमोहन सिंह रावत, सूर्य सिंह पंवार, मनोज अवस्थी, प्रवेश सेमवाल, अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के अध्यक्ष शक्ति प्रसाद भट्ट, डिररप्लिमा इंजीनियर्स महासंघ के अध्यक्ष हरीश चंद्र नौथ्टयाल, महासचिव अजय बेलवाल, पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन के अध्यक्ष प्रताप सिंह पंवार, महासचिव पंचम सिंह बिष्ट, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष अरुण पांडेय, फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज के अध्यक्ष सुनील दत्त कोठारी, वैयक्तिक सहायक महासंघ के अध्यक्ष विक्रम सिंह नेगी, राजकीय वाहन चालक महासंघ के अध्यक्ष अनंत राम शर्मा, चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी महासंघ केक अध्यक्ष नाजिम सिद्दीकी, महासचिव हरकेश भारती, उत्तराखंड निगम अधिकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष दिनेश गुसाईं सहित करीब 50 संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे।

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