VS CHAUHAN KI REPORT
आत्महत्या…. आए दिन हम आत्महत्या के केस सुनते रहते हैं. खासकर कि युवावर्ग इस भयानक दिशा की ओर लगातार आगे बढ़ रहा है और बिना अपने परिजनों या भविष्य की चिंता किए एक ही पल में अपना कीमती जीवन खत्म कर रहा है. आए दिन आत्महत्या की कितनी ही खबरें हम सुनते हैं.
आज के आधुनिक जीवन की बदलती हुई शैली बड़े तो बड़े युवा बच्चों में भी टेंशन भर देती है. अभी पिछले दिनों घर का इकलौता चिराग आत्महत्या करके दुनिया से विदा हो गया. इंटर में पढ़ने वाला छात्र उसने आत्महत्या कर ली. अपने पीछे अपने मां बाप और परिवार के लोगों को तड़पता हुआ छोड़कर चला गया.
अब सवाल उठता है कि बड़े ,बूढ़े ,बच्चे क्यों मजबूर हो जाते हैं. मौत को गले लगाने के लिए और फांसी के फंदे पर झूल जाते हैं. वह कुदरत की दी हुई जिंदगी को ठुकरा देते हैं.
ऐसा क्या है मनोचिकित्सकों की मानें तो आज की हमारी जीवन शैली बहुत ज्यादा प्रतिस्पर्धा वाली है, तनाव भरी है ,जल्दी से जल्दी सफलता को पा लेना चाहते हैं, इस प्रतिस्पर्धा के दौर में मां -बाप (अभिभावक) भी अपने बच्चों से बहुत अधिक अपेक्षाएं करते हैं. और कभी-कभी आजकल के युवा बच्चे तनाव को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं.
एक दूसरा कारण यह भी है पिछले दिनों कोरोना काल में बच्चे रेगुलर स्कूल नहीं जा पाए और उनको प्रमोशन दे दिया गया. लेकिन स्कूल जाने पर बच्चा जो सीखता था. वह घर पर उतना सफल नहीं है. ऐसे में कुछ बच्चे अपनी पढ़ाई में पीछे छूट जाते हैं. और वे अपराध बोध का शिकार हो जाते हैं.
लेकिन लाइफ में ऐसे क्षण कई बार आ जाते हैं बड़ा, बूढ़ा बच्चा, युवा अपनी लाइफ को खत्म करने की कोशिश करता है. लेकिन समाज में हमारे परिवार में सभी को ध्यान रखना चाहिए कि कौन व्यक्ति किस परिस्थिति से गुजर रहा है. यह तनाव भरा क्षण निकल जाए तो व्यक्ति उस होने वाली आत्महत्या से बच जाता है. एक जिंदगी बच सकती है. यदि आप अपने आस-पास किसी भी व्यक्ति को मानसिक तनाव में देखें तो उनकी मदद करें, उनसे बात करें ताकि वह आत्महत्या की कगार पर ना पहुंच पाएं।
ऐसा ही कुछ ऐसा घटित हुआ कि तपोवन की फ्रेंड्स कॉलोनी में 12वीं के एक छात्र ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। और अपने मां-बाप को रोता तड़पता छोड़ गया. घरवालों को इसकी भनक तक नहीं लगी। मामले का पता तब चला जब स्वजन वो काफी देर तक कमरे से बाहर नहीं आया। स्वजन अंदर पहुंचे तो फंदे से झूलता हुआ मिला। उसके पास एक कागज मिला है, जिसमें “आई लव यू मम्मी पापा सॉरी” लिखा हुआ है। आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। पोस्टमार्टम में भी मृत्यु का कारण हैंगिंग आया है। एसओ रायपुर दिलबर सिंह नेगी ने बताया कि लाडपुर निवासी 17 वर्षीय बरवीन डालनवाला के एक निजी स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ता था।
बरवीन के पिता रिटायर सूबेदार हैं। शुक्रवार को रात 10 बजे खाना खाकर बरवीन स्टडी रूम में चला गया। जब काफी देर तक वह रूम से बाहर नहीं आया तो स्वजन कमरे में गए।कमरे का नजारा देख उनके पैरों तले की जमीन खिसक गई। यहां उन्होंने देखा कि बरवीन पंखे से लटक रहा है। स्वजनों ने पुलिस को सूचित करते हुए उसे नीचे उतारा और दून अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। एसओ ने बताया कि बरवीन घर का इकलौता बेटा था। स्वजनों के अनुसार घर पर कोई झगड़ा भी नहीं हुआ था।
एक दूसरा मामला देहरादूनके कोतवाली नगर क्षेत्र के अंतर्गत रेस्ट कैम्प मद्रासी कॉलोनी से सामने आया है, जहाँ बीबीए कर रही 19 वर्षीय एक छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. परिजनों द्वारा बताया गया कि युवती ने कुछ खा लिया था. जिस कारण उसकी मृत्यु हुई है. हालांकि इस बारे में फिलहाल कुछ भी कह पाना मुश्किल है. पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. रिपोर्ट मिलने के बाद ही मौत की असली वजह का पता चल सकेगा