VSCHAUHAN KI REPORT
श्रीलंका में कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट (CoronaVirus Delta Variant) के मामले ज्यादा मिल रहे हैं जिसकी वजह से यहां कोहराम मचा है. इस बीच डेल्टा वेरिएंट के खतरे से बचने के लिए श्रीलंका की सरकार ने नई शादीशुदा महिलाओं से कुछ समय के लिये प्रेगनेंसी टालने की अपील की है. दरअसल, स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां पिछले कुछ महीनों में करीब 40 गर्भवती महिलाओं की मौत हो गई है, जिसके बाद सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से ये सलाह दी गई है. बता दें कि इससे पहले भारत मे भी महाराष्ट्र में जीका वायरस के कारण महिलाओं को ऐसी ही सलाह जारी की गई थी.
इस सलाह पर हो रहा विवाद, सरकार ने कही ये बात…
इस तरह से सरकार के द्वारा दी गई सलाह पर कुछ विवाद भी हुआ, जिसके बाद देश की प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल, महामारी और कोविड रोग नियंत्रण मंत्री डॉ. सुदर्शनी फर्नांडोपुले ने कहा कि देश में कोरोना की रोकथाम के लिये बनी एक्सपर्ट कमेटी की सलाह पर ये बात पब्लिक डोमेन में पहुंचाई गई थी.
उन्होंने कहा कि इस सलाह में जच्चा और बच्चा दोनों की सुरक्षा के लिये महिलाओं को एक साल तक प्रेगनेंसी रोकने की बात कही गई थी. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना का नया वेरिएंट शुरुआती वायरस से ज्यादा घातक है और तेजी से फैलता है. इसलिए ये सलाह सही है.
हेल्थ प्रोग्राम ब्यूरो की डायरेक्टर ने कही ये बात…
वहीं सरकार के हेल्थ प्रोग्राम ब्यूरो की डायरेक्टर चित्रामली डि सिलवा ने कहा, कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत से अभी तक करीब 41 प्रेगनेंट महिलाओं की मौत हो चुकी हैं.’ ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि हम न्यूली मैरिड कपल्स और बाकी लोगों को सलाह दे रहे हैं कि कम से कम सालभर के लिए Covid-19 के खतरे से बचने के लिए परिवार नियोजन के तरीकों का इस्तेमाल करें.’
फिर से लग सकता है लॉकडाउन
डायरेक्टर ने कहा कि देश में अबतक 5500 प्रेगनेंट महिलाएं कोरोना से संक्रमित हो चुकी हैं. इनमें से 70% का टीकाकरण पूरा हो गया है. एक्सपर्ट्स ने गर्भवती महिलाओं से वैक्सीन लगवाने की सलाह दी है.
उन्होंने कहा कि देश में अगस्त के बाद से कोरोना लॉकडाउन नियमों में काफी छूट दी गई है, जिसे सरकार अब जल्द खत्म कर सकती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक्सपर्ट ने अक्टूबर की शुरुआत तक सख्त प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है.