बारिश के साथ ही बढ़ सकता है आंखों की बीमारी ‘कंजेक्टिवाइटिस’ का खतरा

VSCHAUHAN KI REPORT

बारिश के साथ ही कोरोना बीमारी के बीच आंखों की बीमारी ‘कंजेक्टिवाइटिस’ ने भी लोगों पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। कंजेक्टिवाइटिस बीमारी की गिरफ्त में आए कई मरीज दून अस्पताल, गांधी शताब्दी, कोरोनेशन जैसे अस्पतालों में नेत्र विशेषज्ञों से इलाज करा रहे हैं।

हालांकि, नेत्ररोग विशेषज्ञ का कहना है कि बारिश में आंखों में कंजेक्टिवाइटिस होना सामान्य बीमारी है।। कुछ एहतियात बरतकर इससे बचा जा सकता है। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में नेत्ररोग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर एवं वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ. सुशील ओझा का कहना है कि अस्पताल में कंजेक्टिवाइटिस के मरीज भी आ रहे हैं। जिनका इलाज किया जा रहा है। कहा कि इस बीमारी को लेकर बहुत अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं है। कुछ एंटीबायोटिक दवाइयों के इस्तेमाल और एहतियात बरतकर, सफाई रखकर इससे छुटकारा पाया जा सकता है।

वहीं, वरिष्ठ नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ. अमित सिंह के मुताबिक ओपीडी में अभी कंजेक्टिवाइटिस से पीड़ित मरीजों की संख्या कम है, लेकिन आने वाले दिनों में यह तेजी से फैल सकता है। कहा कि यदि आंखों में कंजेक्टिवाइटिस हो जाए तो घरेलू इलाज करने के बजाय कुशल नेत्ररोग विशेषज्ञ से इलाज कराना चाहिए। ताकि, बीमारी से जल्द छुटकारा मिल सके।

क्या है कंजेक्टिवाइटिस बीमारी
वरिष्ठ नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ. गौरव लूथरा के मुताबिक कंजेक्टिवाइटिस में आंखों की बाहरी झिल्ली के साथ ही पलकों के बीच भीतरी हिस्से में सूजन हो जाती है। इसे सामान्य भाषा में आंख आना भी कहते हैं। कंजेक्टिवाइटिस एलर्जी, बैक्टीरिया या वायरस संक्रमण से भी होता है। एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी कंजेक्टिवाइटिस हो जाता है।

बीमारी के लक्षण 
आंखों का लाल होना, बाहरी झिल्ली और पलक के भीतरी हिस्से में सूजन, धूप में आंखें खोलने में दिक्कत होना, आंखों के आसपास पपड़ी जम जाना, तेज जलन होना आदि।

ऐसे करें बचाव 
किसी व्यक्ति की आंखों में कंजेक्टिवाइटिस हुआ है तो उससे सामान्य दूरी बनाकर रखें, हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोने के बाद ही आंखों को छुएं, आंखों को बार-बार न छुएं, सफाई का खास ख्याल रखें।

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