सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस अफसर आपस में ही भिड़ गए। विवाद इतना बढ़ गया कि एसपी कुल्लू गौरव सिंह ने मुख्यमंत्री के सुरक्षा प्रभारी व एडिशनल एसपी बृजेश सूद को थप्पड़ जड़ दिया। जवाब में मुख्यमंत्री के पीएसओ बलवंत सिंह ने एसपी को लातों से मारा।

VSCHAUHAN KI REPORT

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के हिमाचल प्रदेश के कुल्लू दौरे के दौरान भुंतर एयरपोर्ट के बाहर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस अफसर आपस में ही भिड़ गए। विवाद इतना बढ़ गया कि एसपी कुल्लू, गौरव सिंह ने मुख्यमंत्री के सुरक्षा प्रभारी व एडिशनल एसपी बृजेश सूद को थप्पड़ जड़ दिया। जवाब में सीएम की सिक्योरिटी में तैनात कर्मचारियों ने एसपी को घेर लिया और मुख्यमंत्री के पीएसओ बलवंत सिंह ने एसपी को लातों से मारा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सामने हुए प्रदेश को शर्मसार करने वाले इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो वायरल होने पर कुल्लू से लेकर शिमला तक हड़कंप मच गया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सेंट्रल रेंज मंडी के डीआईजी मधुसूदन ने जांच शुरू कर दी। वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए डीजीपी संजय कुंडू भी शिमला से कुल्लू के लिए रवाना हो गए। बुधवार दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे नितिन गडकरी पांच दिवसीय दौरे पर कुल्लू पहुंचे थे। मंत्री को रिसीव करने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर लाव लश्कर के साथ भुंतर एयरपोर्ट पहुंचे।

मंत्री को रिसीव करने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर लाव लश्कर के साथ भुंतर एयरपोर्ट पहुंचे। सूत्रों की मानें तो तय प्रोटोकॉल के अनुसार गडकरी के वाहनों के काफिले में सिर्फ मुख्यमंत्री का वाहन शामिल होना था और बाकी वाहनों को काफिले के पीछे चलना था, लेकिन वाहनों को काफिले में शामिल करने को लेकर एसपी कुल्लू और एडिशनल एसपी सीएम सुरक्षा के बीच विवाद हो गया।

बात इतनी बढ़ी कि एक जगह काफिला रुकने पर एसपी और एडिशनल एसपी के बीच कहासुनी हो गई। बहस के दौरान ही एसपी ने एडिशनल एसपी को थप्पड़ जड़ दिया। प्रभारी को थप्पड़ मारे जाने पर सीएम सुरक्षा के कर्मचारी उग्र हो गए और एसपी को पकड़कर घेरने की कोशिश करने लगे।

एसपी ने बचने का प्रयास किया तो मुख्यमंत्री के पीएसओ बलवंत सिंह ने गौरव को लातें जड़ दीं। इसी दौरान स्थानीय लोग सड़क पर उतर आए और एसपी के पक्ष में मुख्यमंत्री की गाड़ी के आगे खड़े होकर हंगामा करने लगे। आनन फानन में पुलिस अधिकारियों ने लोगों को हटाकर मुख्यमंत्री के वाहन को रवाना कराया।

भुंतर हवाई अड्डे के बाहर बुधवार को जो कुछ भी हुआ, उसके पीछे केंद्रीय मंत्री के काफिले में मुख्यमंत्री के काफिले के वाहनों को शामिल करने के साथ-साथ फोरलेन प्रभावितों के लगाए नारे भी कारण थे। सूत्रों का कहना है कि मंत्री के पहुंचने से पहले जब उनका काफिला तैयार हुआ तो प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए एसपी ने सिर्फ उस वाहन को शामिल करने की इजाजत दी, जिसमें मुख्यमंत्री बैठते थे। अन्य वाहनों को शामिल न करने पर पहले एसपी और सीएम सुरक्षा के अधिकारियों के बीच बहस हो चुकी थी।

केंद्रीय मंत्री का काफिला एयरपोर्ट से मनाली की ओर रवाना हुआ तो एयरपोर्ट गेट के बाहर फोरलेन प्रभावित किसानों-बागवानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने काफिला रोक लिया। सूत्रों की मानें तो भीड़ देखकर मंत्री नितिन गडकरी प्रभावितों की बात सुनने के लिए गाड़ी से उतर गए। प्रभावितों ने अपना एक मांग पत्र सौंपा। गडकरी ने इस दौरान साथ खड़े मुख्यमंत्री व उपायुक्त कुल्लू से प्रभावितों की मांगें पूरी न होने पर सवाल पूछ लिया। बाद में उन्होंने समस्या का निवारण करने के लिए सरकार की तरफ से आश्वासन दिया तो मंत्री के इस कदम से लोग खुश हो गए और हमारा पीएम कैसा हो नितिन गडकरी जैसा हो जैसे नारे लगाने लगे।

चूंकि, प्रदेश में भाजपा की सरकार है और इन नारों का प्रदेश ही नहीं, देश की सियासत में खासा महत्व हो सकता है। ऐसे में इन नारों ने ही पहले से खराब माहौल में आग में घी का काम कर दिया। काफिला रोके जाने पर मुख्यमंत्री के एतराज के बाद उनके सुरक्षा अधिकारी ने एसपी से नाराजगी व्यक्त कर दी। नतीजा यह हुआ कि एसपी और सीएम सुरक्षा में तैनात अधिकारियों-कर्मचारियों के बीच मारपीट हो गई।

मारपीट के दौरान एसपी के पक्ष में सड़क पर उतरे किसानों-बागवानों ने जब सीएम सुरक्षा में तैनात कर्मियों से मारपीट का कारण पूछा तो कुछ लोगों ने उन्हें ही इस घटना का कारण बता दिया। जाहिर है गडकरी के पक्ष में लगे नारे ही मोदी के नाराज होने का डर प्रदेश के नेतृत्व के मन में ले आए थे। इसके बाद काफिला रोका जाना बहाना बना और बात मारपीट तक पहुंच गई।

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