उत्तराखंड में कोविड की वजह से अनाथ हुए बच्चों के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना शुरू की है। अभी तक इस योजना में माता- पिता दोनों को खोने वाले बच्चों को लाभ मिलता था और अब माता या पिता दोनों में से किसी एक की कोविड से मौत पर भी राज्य सरकार बच्चे को योजना से लाभान्वित करेगी.

वीएस चौहान की रिपोर्ट

उत्तराखंड में कोविड से माता या पिता में से किसी एक की मृत्यु हो जाने पर भी बच्चों को वात्सल्य योजना का लाभ मिलेगा। सरकार की ओर से इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य के मुताबिक इन बच्चों के प्रति सरकार गंभीर है। बच्चे खुद को असुरक्षित न समझें, उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा का इंतजाम सरकार करेगी।

प्रदेश में कोविड की वजह से अनाथ हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री की ओर से वात्सल्य योजना की घोषणा के बाद महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से इसका प्रस्ताव तैयार किया गया है। प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया है कि इस तरह के बच्चों को महीने में तीन हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी

इसके अलावा बच्चों को राशन, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। विभाग की राज्यमंत्री के मुताबिक जिन बच्चों के माता या पिता की पूर्व में किसी अन्य वजह से मौत हुई है।

जबकि अब माता या पिता दोनों में से जिसके साथ बच्चा रह रहा था उसकी कोविड से मौत हो गई है तो वे बच्चे भी वात्सल्य योजना लाभ पाने के लिए पात्र माने जाएंगे। इसके अलावा परिवार में माता या पिता दोनों में से किसी एक की कोविड से मौत पर भी राज्य सरकार बच्चे को योजना से लाभान्वित करेगी।

बाल आयोग ने कोविड में अनाथ हुए बच्चों का ब्योरा मांगा
उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग से कोविड से अनाथ हुए बच्चों की जानकारी मांगी है। आयोग के सचिव आलोक कुमार पांडेय ने इस संबंध में विभाग के निदेशक को निर्देश जारी करते हुए कहा कि आयोग को कई बच्चों के अनाथ होने की शिकायत मिली है।
सरकार की ओर से इस तरह के बच्चों की हरसंभव मदद की जाएगी। विभागीय अधिकारियों को भी कहा गया है कि इसमें किसी तरह की कोताही न बरतें।

 

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