कोविड महामारी के बीच उपजे हालातों के बीच प्रदेश सरकार ने गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) 10 लाख पीले राशन कार्डधारकों को राहत दी है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देश पर इन राशन कार्डधारकों को साढ़े सात किग्रा के स्थान अब अगले तीन महीने तक 20 किग्रा खाद्यान्न मिलेगा। 18 मई से खाद्यान्न दिया जाना शुरू हो जाएगा।

 बीएस चौहान की रिपोर्ट
कोविड महामारी के बीच उपजे हालातों के बीच प्रदेश सरकार ने गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) 10 लाख पीले राशन कार्डधारकों को राहत दी है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देश पर इन राशन कार्डधारकों को साढ़े सात किग्रा के स्थान अब अगले तीन महीने तक 20 किग्रा खाद्यान्न मिलेगा। 18 मई से खाद्यान्न दिया जाना शुरू हो जाएगा।

मुख्यमंत्री के मुताबिक, यह सहायता पीले राशन कार्डधारकों के लिए ही मान्य होगी। वर्तमान में 10 लाख कार्डधारकों को साढ़े सात किलो प्रति राशन कार्ड खाद्यान्न मिलता है। अब अतिरिक्त खाद्यान्न के साथ उन्हें दस किलो चावल एवं दस किलो गेहूं मिलेगा। इसका मूल्य वर्तमान दरों पर ही रहेगा। गेहूं के लिए 8.60 रुपये प्रति किलो एवं चावल के लिये 11 प्रति किलो है।

ये विशेष योजना मई, जून एवं जुलाई माह के लिए उपलब्ध रहेगी। जिसमें राज्य सरकार पर कुल  37 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व भार आएगा। जिसे राज्य सरकार वहन करेगी। मई के महीने का राशन 18 तारीख़ से वितरित होने लगेगा। शेष महीनों का राशन हर महीने की एक तारीख को वितरित हो जाएगा।

मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना जारी रहेगी
मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना निरंतर जारी रहेगी। जिसमें पहली बार दो किलो चना दाल सभी 23 लाख राशन कार्डधारकों को मिलेगी। उसके बाद जो भी दालें केंद्र सरकार से उपलब्ध होती रहेंगी, वह आगामी महीनों में उपलब्ध कराई जाएगी।

किसानों से गेहूं खरीद की तिथि को बढ़ाया
खाद्य आपूर्ति मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि किसानों से गेहूं खरीद की तिथि को 15 मई से बढ़ाकर 25 मई किए जाने के  निर्देश दिए गए हैं। खाद्य आपूर्ति मंत्री ने कहा कि खाद्य एवं सहकारिता विभाग को गेहूं खरीद के लिए पर्याप्त धनराशि अवमुक्त कर दी गई है। रबी विपणन सत्र 2021-22 के तहत कुल 41121.19 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है। जिसमें कुमाऊं मंडल में कुल खरीद 40536 मीट्रिक टन एवं गढ़वाल मंडल में 584 मीट्रिक टन की खरीद की गई है। इसके अलावा खाद्य विभाग की ओर से भी गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में गेहूं की खरीद की गई है। विभागीय मंत्री ने कहा कि कॉपरेटिव सोसाइटी का पिछले तीन साल से लेबर एवं ढुलाई का जो पैसा बकाया था उसमें से 18 करोड़ रुपये भी इसी सप्ताह जारी कर दिए गए हैं।

सस्ता गल्ला विक्रेताओं को घोषित किया जाए कोरोना वारियर्स

कोरोना महामारी में आम आदमी को सरकारी राशन बांट रहे सस्ता गल्ला विक्रेताओं में कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ है। ऐसे में राज्य आंदोलनकारी मंच और सस्ता गल्ला विक्रेता संघ ने कोरोना वारियर्स घोषित करने की मांग की है। इस संबंध में खाद्य आपूर्ति मंत्री और जिला पूर्ति अधिकारी को ज्ञापन प्रेषित किया गया है।

राज्य आंदोलनकारी मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने कहा कि सस्ता गल्ला विक्रेता लगातार राशन बांट रहे हैं। राशन लेने के लिए कई लोग दुकान में आते हैं। इसके कारण उन्हें संक्रमण का खतरा बना रहता है। कई राशन विक्रेताओं की मौत भी हो चुकी है।

इसलिए उन्हें कोरोना वारियर्स घोषित कर मृतक दुकानदारों के को सात लाख रुपये की धनराशि दी जाए। वहीं सस्ता विक्रेता संघ ने जिलापूर्ति अधिकारी को ज्ञापन प्रेषित कर कहा कि सभी सस्ता गल्ला विक्रेता प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना के तहत हर शनिवार और बृहस्पतिवार को राशन का वितरण कर रहे हैं।

इसके कारण दुकानों में भीड़ होती है और विक्रेता कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। संक्रमण को देखते हुए दुकानों के समय में परिवर्तन के साथ ही मुफ्त राशन जून में वितरित कराया जाए। साथ ही पिछले वर्ष का लाभांश व किराया भी जारी किया जाए। ज्ञापन प्रेषित करने वालों में रवि शर्मा, पवन कुमार , दिनेश, अरुण, रवि वोहरा, कैलाश, चेतन, ए.जौहरी, बीडी शर्मा आदि शामिल हैं।

 

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