कोरोना के घातक संक्रमण से छलनी हो रहे मरीजों के फेफड़ों को भरपूर ऑक्साइड नहीं मिल पा रही है। इससे उनकी जान आफत में पड़ रही है। आक्सीजन सिलिंडर ढूंढ़़़ने व अस्पतालों में बेड का इंतजाम करने में इतना अधिक समय बर्बाद हो रहा है कि उपचार शुरू होने से पहले ही ज्यादातर मरीज दम तोड़ दे रहे हैं। हर तरफ मौतों का तांडव और तीमारदारों की बेबसी है। जबकि, इसका इलाज आपके घर में ही मौजूद है। विशेषज्ञों के अनुसार पालक व चुकंदर का सूप कोरोना मरीजों में आक्सीजन स्तर को गिरने नहीं देता। इसे पीने से फेफड़ों को पर्याप्त आक्सीजन मिलती है, जिससे वह मजबूती से कोरोना से जंग लड़ते हैं। करीब 40 कोरोना मरीजों में सफलता के बाद लोहिया संस्थान के आयुर्वेदाचार्य डा. एसके पांडेय ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय व सीएम को पत्र लिखकर अन्य मरीजों पर भी इस प्रयोग को आजमाने की मांग की है, ताकि मरीजों को गंभीर होने से बचाया जा सके।
डा. एसके पांडेय कहते हैं कि एलोपैथ में कोरोना के इलाज में मरीजों को जो जिंक, विटामिन बी-12, विटामिन-सी, कैल्शियम इत्यादि दिया जा रहा है, वह सब पालक व चुकंदर में प्राकृतिक रूप से मौजूद हैं। इसमें आयरन व नाइट्रिक ऑक्साइड भी प्रचुर मात्रा में है। चुकंदर में प्राकृतिक रूप से मौजूद नाइट्रिक ऑक्साइड फेफड़ों व शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाता है। साथी वायरस से मजबूती से लड़ता है। रक्त में आक्सीजन की मात्रा बढ़ाता है। इससे फेफड़ों को भरपूर आक्सीजन मिलती है। साथ ही इसका सूप लाल रुधिर कणिकाओं (आरबीसी) और श्वेत रुधिर कणिकाओं (डबल्यूबीसी) को भी बढ़ता है। इससे कोरोना के खिलाफ लडऩे के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।