वी एस चौहान की रिपोर्ट
तीरथ सिंह रावत के उत्तराखंड मुख्यमंत्री बनने के बाद पिछली त्रिवेंद्र सरकार के समय सीएम सचिवालय के कई मजबूत चेहरों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। सीएम सचिवालय से अधिकतर पुराने सचिव, प्रभारी सचिव, अपर सचिव हटा दिए गए हैं। नए चेहरे के रूप में प्रभारी सचिव सुरेंद्र नारायण पांडे की जरूर एंट्री हुई है। सीएम सचिवालय का सबसे मजबूत चेहरा रहीं आईएएस राधिका झा से सचिव सीएम की जिम्मेदारी हटा दी गई है। उनके पास अब सचिव ऊर्जा, वैकल्पिक ऊर्जा और स्थानिक आयुक्त दिल्ली की जिम्मेदारी शेष रह गई है। आईएएस डा. नीरज खैरवाल से भी प्रभारी सचिव सीएम का दायित्व हटाया गया है। उनके पास अब प्रभारी सचिव ऊर्जा, एमडी यूपीसीएल, एमडी पिटकुल की जिम्मेदारी भी है।
अपर सचिव पर्यटन, धर्मस्व, चिकित्सा स्वास्थ्य, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी पर्यटन विकास परिषद सोनिका को अपर सचिव सीएम का अतिरिक्त दायित्व दिया गया है। डा. मेहरबान सिंह बिष्ट से अपर सचिव सीएम का पद हटा दिया गया है। उनके पास भी अपर सचिव राजस्व, निदेशक खनन, निदेशक खाद्य प्रसंस्करण का दायित्व है। अपर सचिव सुरेश जोशी से भी अपर सचिव सीएम का पद हटा लिया गया है। वे अपर सचिव समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, निदेशक जनजाति निदेशालय, निदेशक मदरसा शिक्षा परिषद, निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण, एमडी अल्पसंख्यक कल्याण निगम का दायित्व बना रहेगा
तीरथ सरकार ने त्रिवेंद्र सरकार के सलाहकारों की भी छुट्टी कर दी है। गोपन विभाग ने पांच सलाहकारों की नियुक्ति निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं। शुक्रवार दोपहर सरकार ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत की कोर टीम में शामिल रहे अधिकारियों को मुख्यमंत्री कार्यालय से स्थानांतरित किया, इसके बाद शाम को पिछली सरकार में विभिन्न जिम्मेदारी उठा रहे सलाहकारों की नियुक्ति भी निरस्त कर दी गई। इसमें रमेश भट्ट, मई 2017 से ही त्रिवेंद्र के मीडिया सलाहकार के रूप में काम कर रहे थे। इसी तरह डॉ. कुंवर सिंह पंवार, नरेंद्र सिंह और डॉ. नवीन बलूनी मुख्यमंत्री पॉलिसी प्लानिंग ग्रुप में बतौर सलाहकार नियुक्त किए गए थे। इसमें डॉ. पंवार त्रिवेंद्र के काफी करीब समझे जाते थे। इसी प्रकार मुख्यमंत्री लघु उद्योग सलाहकार विमल कुमार को भी हटा दिया गया है। विमल कुमार की नियुक्ति गत माह 26 फरवरी को ही हुई थी।