कोरोना संक्रमण की रफ्तार मंद जरूर पड़ी है, लेकिन खतरा अभी भी बरकरार है। मास्क, सैनिटाइजेशन व शारीरिक दूरी को लेकर बेफिक्री ठीक नहीं

वीएस चौहान की रिपोर्ट

आजकल सभी शहरों में  लोगों की भीड़ दिखाई देना एक आम बात है अधिकतर लोगों में कोरोना वायरस का डर खत्म हो चुका है लेकिन कोरोना संक्रमण की रफ्तार मंद जरूर पड़ी है, लेकिन खतरा अभी भी बरकरार है। ऐसे में मास्क, सैनिटाइजेशन व शारीरिक दूरी को लेकर जिस तरह की बेफिक्री हर कहीं दिख रही है, वह भारी पड़ सकती है। यानी सावधानी हटी, दुर्घटना घटी।

दूसरी तरफ महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा व देश के कई अन्य राज्यों में इसका असर दिख भी रहा है। बुधवार को उत्तराखंड प्रदेश में कोरोना के 110 मामले मिले हैं। यह इस साल का दूसरा सर्वाधिक आंकड़ा है। बहरहाल, राहत की बात यह है कि दो दिन से किसी मरीज की मौत राज्य में नहीं हुई है।

आंकड़ों की माने तो स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, सरकारी व निजी लैब से 12192 सैंपल की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिनमें 12085 मामलों में रिपोर्ट निगेटिव आई है। देहरादून में सबसे अधिक 40 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं। हरिद्वार में भी 34 लोग संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा ऊधमसिंह नगर में 18, नैनीताल में 13, पौड़ी व पिथौरागढ़ में दो-दो व अल्मोड़ा में एक व्यक्ति संक्रमित मिला है। जबकि छह जिलों बागेश्वर, चमोली, चंपावत, रुद्रप्रयाग, टिहरी व उत्तरकाशी में कोरोना संक्रमण का कोई नया मामला नहीं मिला है। इधर, विभिन्न जिलों में 35 मरीज ठीक भी हुए हैं।  कुल मिलाकर अभी भी कोरोना वायरस से सतर्क रहने की आवश्यकता है लापरवाही किसी के भी जीवन के लिए घातक हो सकती है

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