हरिद्वार में महाकुंभ के आयोजन में रोक-टोक, कोरोना एहतियात को लेकर नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नजरिए अलग-अलग

उत्तराखंड में हाल ही में हुए नेतृत्व परिवर्तन के बाद अब सीएम तीरथ सिंह रावत और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत कुंभ को लेकर विचार अलग-अलग हैं. इसके बाद अब यह तो तय हो गया है कि हरिद्वार में महाकुंभ के आयोजन में रोक-टोक, कोरोना एहतियात को लेकर नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नजरिए में जमीन-आसमान का फर्क है।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह कोरोना एहतियात के मुद्दे पर महाकुंभ को बेहद सीमित करना चाहते थे। उनके निर्देश पर सारे प्रशासनिक आदेश भी इसी नजरिए से किए गए थे। इसके विपरीत  तीरथ सिंह रावत जन भावनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं।

कोरोना को लेकर मास्क, सैनिटाइजर जैसे एहतियात को उन्होंने भी जरूरी बताया है लेकिन इस मुद्दे पर वह श्रद्धालुओं पर किसी तरह की रोक-टोक के खिलाफ हैं। वे कुंभ को विस्तारित और बेहद भव्य बनाना चाहते हैं। इसी क्रम में एक कदम आगे बढ़कर वह कहते हैं कि इस मुद्दे पर एक बार वह अपने बड़े नेताओं की डांट सुन लेंगे मगर 12 साल में एक बार होने वाले धार्मिक आयोजन को सीमित नहीं करेंगे।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कुंभ में लोगों पर कोई रोक-टोक नहीं होनी चाहिए। मैंने अधिकारियों को साफ कर दिया कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह के यहां मेरी पेशी लगेगी तो वे पूछेंगे, डांटेंगे, कोई दिक्कत नहीं। लेकिन कुंभ में अखाड़ों, व्यापारियों और लोगों को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन पर कोई रोक टोक नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री प्रदेश भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में भय का वातावरण बना था।  कुंभ कोई मेला नहीं है। ये 12 साल में आता है। लोगों की भावनाएं और आस्थाएं इससे जुड़ी हैं। जब मैं दिल्ली में था, लोग मुझसे पूछते थे कि तुम्हारे यहां कुंभ में कैसे आएंगे? संदेश सबसे बड़ी चीज होती है। मैंने सचिव को कहा। हमें अखाड़ों का सम्मान करना है। साथ ही हमें लोगों की भावनाओं और आस्था का ख्याल करना है।

वहीं दूसरी तरफ, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने महाकुंभ में कोविड के खतरे को लेकर चिंता जताई है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि देशभर में कोविड के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है। कुंभ राज्य का नहीं बल्कि देश एवं दुनिया का पर्व है। इसलिए जोखिम नहीं लेना चाहिए। कोविड से बचाव और उसके फैलाव को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कुंभ में श्रद्धालु निमंत्रण से नहीं आते हैं। श्रद्धालु अपनी आस्था, श्रद्धा, विश्वास और स्वेच्छा से आते हैं। ऐसे में श्रद्धालु पहले भी आते और अब भी आएंगे। रविवार को देश में 25 हजार नए केस आए हैं। पहले तीन राज्यों में चिंताजनक स्थिति थी, जो अब बढ़कर सात राज्यों तक पहुंच गई है। ऐसी महामारी में किसी भी तरह का जोखिम ठीक नहीं है।

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