गौरव अग्रवाल की रिपोर्ट
राजस्थान से अपह्त युवती मेरठ के सिसौली गांव से बरामद हो गई। युवती प्रेमी के साथ गांव में रह रही थी। पुलिस पहुंची तो युवती प्रेमी के साथ रहने की जिद पर अड़ गई। राजस्थान पुलिस कोर्ट से सर्च वारंट लेकर आई थी।
राजस्थान के जालौर जिले की क्षेत्र एक युवती फरवरी माह के अंत में संदिग्ध हालात में गायब हो गई थी। युवती के अपहरण का मुकदमा राजस्थान में दर्ज हुआ था। राजस्थान की पुलिस ने युवती की लॉकेशन पता करके मेरठ में मुंडाली क्षेत्र के सिसौली गांव में दबिश दी। जहां से युवती अपने प्रेमी के घर से बरामद हो गई।
इसके बाद प्रेमी-युगल के पक्ष में अधिवक्ता आ गए। विवेचक ने 161 के बयान दर्ज किए। युवती ने प्रेमी के साथ जाने पर सहमति जता दी। जबकि राजस्थान पुलिस कोर्ट का सर्च वारंट लेकर आई थी और वह युवती को अपने साथ ले जाने की बात कहने लगी।
पुलिस ने युवती को मेरठ कचहरी में 164 के बयान दर्ज कराने के लिए भेज दिया। जहां पर एक तरफ अधिवक्ता आ गए और दूसरी तरफ राजस्थान पुलिस अपनी बात कह रही थी।
अधिवक्ताओं का कहना है कि युवती के बयान के आधार पर पुलिस कार्रवाई करें। कचहरी में हंगामा हो गया। जानकारी लगते ही सिविल लाइन समेत कई थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई और युवती को राजस्थान पुलिस के साथ रवाना कर दिया गया है। एसपी देहात केशव कुमार का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर युवती को राजस्थान पुलिस के साथ रवाना किया गया है। राजस्थान में ही इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज है। राजस्थान पुलिस के पास कोर्ट का ऑर्डर भी था।
राजस्थान के एक विधायक का था दबाव
पुलिस सूत्रों का कहना कि युवती राजस्थान के एक विधायक के करीबी की बेटी थी। उक्त विधायक ने पुलिस अधिकारियों से फोन पर बातचीत की और युवती को राजस्थान पुलिस की सुपुर्दगी में देने की बात कही। शायद यही वजह रही कि मेरठ पुलिस बैकफुट पर रही है। युवती के बयान होने के बावजूद उसे राजस्थान पुलिस को सौंप दिया .