संवाददाता
उत्तराखंड मुख्यमंत्री ने ग्रीष्मकालीन राजधानी के लिए सौगातों का पिटारा खोलकर सबको चौंका दिया। जीवन नहीं यह रणभूमि है, बस कर्म है तेरे हाथ में.. बुरा दौर भी आया था, अच्छा दौर आएगा.. आठ पंक्तियों की इस कविता के साथ गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने बजट भाषण की शुरुआत की। 54 पेज के लंबे भाषण को बिना रुके डेढ़ घंटे तक पढ़ने के बाद मुख्यमंत्री ने सबसे पहले उन्होंने समूचे सदन को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की शुभकामनाएं दीं और राज्य आंदोलनकारियों को याद किया। वे सीमा पर तैनात सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर जवान को याद करना भी नहीं भूले। कोविड से जंग लड़ने वाले कोविड योद्धाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने अपने मंत्रियों और अधिकारियों का आभार जताया। लंबा कोट और सिर पर पहाड़ी टोपी पहनकर मुख्यमंत्री सदन में जब दाखिल हुए तब सदन की कार्यवाही चल रही थी। पंचायती राज विधेयक पर चर्चा गरम थी कि स्पीकर ने विधेयक पर चर्चा जारी रखने की बात कही और मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री के रूप में बजट अभिभाषण पढ़ना शुरू कर दिया। उन्होंने जब कहा कि बुरा दौर भी आया था, अच्छा दौर भी आएगा, तो विपक्षी दीर्घा में बैठे कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने भी अपने अंदाज में इस पर हामी भरी।