दुनिया का सबसे ऊंचा बनने वाला होटल अज्ञात कारणों के चलते होटल आज तक बंद है

तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong-un) के पिता ने रयुगयोंग (Ryugyong Hotel) पर काम शुरू करवाया तो ये दुनिया का सबसे ऊंचा होटल होने वाला था. हालांकि बनने के बाद भी होटल अज्ञात वजहों से हमेशा बंद रहा.

आदत के मुताबिक उत्तर कोरिया फिर सुर्खियों में है. इस बार वो सैन्य परीक्षण के दौरान खतरनाक मिसाइलें दिखाकर दुनिया को डरा रहा है. वैसे लगातार चर्चा का केंद्र रहने के बाद भी ये देश रहस्यों की कई परतों में रहता आया. मिसाल के तौर पर 3000 कमरों वाला यहां का सबसे बड़ा होटल रयुगयोंग (Ryugyong Hotel) आज तक बंद पड़ा है. इसे भुतहा होटल भी कहा जाने लगा है.

साल 1987 में जब होटल की नींव तैयार होनी शुरू हुई तो तत्कालीन तानाशाह किम जोंग इल ने एलान किया था कि ये होटल दुनिया का सबसे बड़ा और शानदार होटल होगा. कहा जाता है कि तानाशाह किम जोंग इल को ये होटल बनाने की प्रेरणा उनकी मां किम जोंग-सुक से मिली थी. किम जोंग-सुक को ऊंची इमारतें काफी पसंद थीं और वे अपने बेटे से अक्सर ऐसी किसी इमारत की इच्छा जताती रहती थीं. इसी वजह से जोंग इल ने सबसे ऊंचा होटल बनवाने की सोची.

105 मंजिलों, 5 घूमते हुए रेस्त्रां और 1,000 फीट (लगभग 330 मीटर) की ऊंचाई वाला ये होटल होता भी ऐसा ही, बशर्तें शुरू हो पाता. होटल का निर्माण शुरू होने के बाद लगातार बंद होता रहा. कभी निर्माण सामग्री कम हो जाती तो कभी कोई तकनीकी दिक्कत आ जाती. इसमें सबसे बड़ी रुकावट साल 1992 में आई थी.

नब्बे के दशक में उत्तर कोरिया आर्थिक मंदी का शिकार हो गया था. तब इमारत का बाहरी ढांचा तैयार हो चुका था लेकिन अंदर की सजावट और दरवाजे-खिड़कियां तैयार नहीं थीं. होटल इसी हालत में अगले 16 सालों तक पड़ा रहा. इसके बाद साल 2008 में इसका निर्माण दोबारा चालू हुआ लेकिन सालों तक वीरान पड़े होटल में नए सिरे से काम शुरू हुआ, और इसमें लगभग 180 मिलियन डॉलर खर्च हो गए.

तब ये दुनिया का सबसे ऊंचा होटल था और लगातार बात हो रही थी कि ये कब खुलेगा. होटल इंडस्ट्री से जुड़े कई ग्रुप्स ने एलान किया कि वे होटल का एक हिस्सा किराए पर लेकर उसे इंटरनेशनल सैलानियों के लिए शुरू करेंगे. हालांकि ऐसा कुछ भी नहीं हो सका. होटलों की तरफ से ही बयान आया कि फिलहाल ऐसा मुमकिन नहीं है लेकिन उत्तर कोरिया प्रशासन ने इस बारे में एक शब्द भी नहीं बोला.

कहा जाने लगा कि होटल के बार-बार रुकने और फिर बनने के कारण उसमें निर्माण सामग्री का सही इस्तेमाल नहीं हुआ और इस वजह से इमारत कमजोर है. लेकिन अंदर की बात किसी को पता नहीं लग सकी. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2012 में ही बीजिंग के एक कर्मचारी ने होटल के भीतर की तस्वीरें ले लीं. तब जाकर पता चला कि 105 मंजिला होटल के कई फ्लोर में अंदर कोई निर्माण ही नहीं हुआ है.

साल 2018 में होटल दोबारा चर्चा में आया, जब इसमें काफी शानदार लाइट शो हुआ. शो के जरिए उत्तर कोरिया के इतिहास को दिखाया गया. 4 मिनट चले इस शो में किम के परिवार के बारे में बात की गई और स्लोगन्स दिखाए गए. तब एक बार फिर इस बात को हवा मिली कि होटल शायद शुरू हो सके लेकिन अब दो साल बीतने पर भी ऐसी कोई खबर नहीं है. हालत ये है कि बीच-बीच में मजाक उड़ाए जाने पर उत्तर कोरिया अपनी राजधानी प्योंगयांग की आधिकारिक तस्वीर से होटल को गायब दिखाने लगता है लेकिन फिर वापस वही हो जाता है.

प्योंगयांग का ये होटल अब दुनिया की सबसे ऊंची वीरान इमारत के तौर पर जाना जाता है. साथ ही इसे शापित या कयामत लाने वाला होटल भी कहा जाता है. अमेरिकी मैगजीन इस्क्वायर (Esquire) इस होटल को ‘मानव इतिहास की सबसे खराब इमारत’ करार दे चुकी है. उस जमाने में वाकई में सबसे ऊंचे होटल के तौर पर बन रहा रयुगयोंग होटल अब ऊंचाई में भी पिछड़ चुका है. साल 2018 में गिनीज बुक ने दुबई के Gevora Hotel को इस लिस्ट में सबसे ऊपर रखा, जो लगभग 1,168 फीट (356 मीटर) ऊंचा है.

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