विपिन कुमार की रिपोर्ट
कोरोना संक्रमण-कोहरे और मौसम की मार भी आस्था के कदम न रोक सकी, कोविड-19 गाइड लाइन की सख्ती और बिना कोरोना जांच (निगेटिव) के हरिद्वार न आने प्रशासनिक सलाह को दरकिनार कर गुरुवार को मकर संक्रांति पर्व पर पतित पावनी गंगा में पुण्य की डुबकी लगाने श्रृद्धालुओं की हुजूम हरकी पैड़ी पर उमड़ पड़ा। इसी दिन सूर्य देव के बृहस्पति सहित अन्य पांच ग्रहों के साथ विशेष षडग्रही योग बनाने से बने विशेष नक्षत्र संयोग में पुण्य प्राप्त करने की अभिलाषा बड़े-बूढ़ों संग महिलाओं और बच्चों को भी गंगा तट पर खींच ले आयी।
यही वजह रही कि धर्मनगरी हरिद्वार की हृदयस्थली ब्रह्मकुंड हरकी पैड़ी पर गंगा में अलसुबह शुरू हुआ पुण्य डुबकी का सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। इस दौरान हर गंगा घाट हर-हर गंगे और जय मां गंगे के जय घोष से गुंजायमान रहे, हर किसी का एकमात्र उद्देश्य मकर संक्रांति के पुण्य काल में पतित पावनी गंगा में डुबकी लगा, दान-पुण्य कर पुण्य अर्जित करना था। स्नान के दौरान कोविड-19 गाइड लाइन के पालन को लेकर प्रशासनिक सख्ती नजर नहीं आयी। इसे लेकर लाउडीस्पीकर पर उद्घोषणा कर प्रशासनिक तंत्र अपनी जिम्मेदारी पूरी करने में पूरी तरह मुस्तैद दिखा।