केंद्र सरकार की भांति प्रदेश सरकार भी कोरोना संकट के मद्देनजर राज्य में दो साल के लिए विधायक निधि स्थगित रखने के साथ ही मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों और दायित्वधारियों के वेतन में कटौती कर सकती है। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर मुहर लगने की संभावना है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीते रोज प्रधानमंत्री, मंत्रियों व सांसदों के वेतन में 30 फीसद कटौती करने के साथ ही दो वर्ष के लिए सांसद निधि स्थगित रखने का निर्णय लिया था। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी सोशल मीडिया में केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले की तारीफ की थी। इसके बाद से चर्चा जोरों पर है कि त्रिवेंद्र सरकार भी राज्य में ऐसा ही निर्णय ले सकती है। माना जा रहा है कि बुधवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस विषय पर चर्चा कर मुहर लगाई जा सकती है।
हालांकि, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सरकार ने पूरी ताकत झोंकी हुई है और विपक्ष का भी उसे भरपूर सहयोग मिल रहा है। यह इससे भी साबित होता है कि सरकार के आग्रह पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी विधायक 15-15 लाख की राशि विधायक निधि से उपलब्ध करा चुके हैं।
सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि विधायक निधि स्थगित रखने और वेतन में कटौती के विषय पर कैबिनेट में चर्चा हो सकती है। उन्होंने कहा कि कोरोना से निबटने में सरकार मुस्तैदी से जुटी है।