दुनिया के गंभीर रूप से प्रभावित कई देशों में कोरोना वायरस का संक्रमण स्थिर हो गया है तो कई में यह नियंत्रित होकर उतार की तरफ बढ़ रहा है, लेकिन भारत में तब्लीगी जमात के चलते हुए प्रसार के कारण इसकी वृद्धि दर तेज हो चुकी है। हालांकि संक्रमण की दर देश भर में समान नहीं है। देश के सबसे प्रभावित राज्य केरल में इसकी वृद्धि घट रही है, लेकिन महाराष्ट्र अब भी समस्या बना हुआ है।
लॉकडाउन की खत्म होती समय सीमा के चलते अब देश को उन जिलों पर ध्यान देने की जरूरत हैं जहां इस वायरस का सर्वाधिक प्रकोप है। देश में कुल जिलों की संख्या 720 है। इनमें से सिर्फ 10 जिलों यानी 1.4 फीसद में ही इस महामारी का एक तिहाई प्रकोप है।
केरल की कम होती वृद्धि दर
देश के कई राज्यों में पिछले सप्ताह मामले तेजी से बढ़े। इन आंकड़ों से तीन तस्वीर सामने आई। महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दिल्ली में मामलों का ग्राफ सर्वाधिक देखा गया। तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और राजस्थान इसी राह पर चलते दिखे लेकिन ग्राफ उतना ऊंचा नहीं दिखा। केरल, जम्मू-कश्मीर और कर्नाटर में वृद्धि कम होती दिखी।
वैश्विक रूप से रोजाना की वृद्धि दर तीन सप्ताह में सबसे कम
नौ मार्च को दुनिया भर में एक लाख से अधिक संक्रमण के मामले थे। आज इनकी संख्या 13 लाख से अधिक हो चुकी है। करीब 13 गुना वृद्धि। अच्छी खबर यह है कि मामले की वृद्धि दर कम हो रही है। पिछले सप्ताह सबसे कम वृद्धि दर रही, क्योंकि दुनिया भर में सख्त लाकडाउन रंग ला रहा है।
गंभीर प्रकोप से जूझते देशों का बुरा दौर खात्मे की ओर
रविवार को इटली में 525 मौतें हुईं, शनिवार के 681 के मुकाबले तेज कमी दिखी। चार सप्ताह में दुनिया में 70 हजार मौतों का आंकड़ा बताता है कि प्रभावित देशों में बुरा दौर खात्मे की ओर है।