उत्तराखंड में बारिश और ओलावृष्टि के कारण बागवानी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। उद्यान विभाग के सर्वेक्षण के अनुसार 12 जिलों में 9877 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसलें प्रभावित हुई हैं जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ है। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने प्रभावित किसानों को मुआवजा देने का आश्वासन दिया है। नीचे खबर में पढ़ें पूरी जानकारी।
राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून। उत्तराखंड में वर्षा व ओलावृष्टि से भले ही चढ़ते पारे पर अंकुश लगा हो, लेकिन इससे औद्यानिक फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है। उद्यान विभाग की ओर से कराए गए सर्वेक्षण के अनुसार अप्रैल से अब तक 12 जिलों में 9877.59 हेक्टेयर क्षेत्र में खड़ी औद्यानिक फसलों को 0.75 से लेकर 80 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा है।
औद्यानिक फसलों को पहुंचे नुकसान से किसानों के चेहरे मुरझाए हुए हैं। इसे देखते हुए सरकार भी सक्रिय हो गई है। इसी कड़ी में कृषि मंत्री गणेश जोशी ने मंगलवार को कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में स्थिति की समीक्षा की।
जिलेवार क्षति (अप्रैल से अब तक)
- जिला, फसल क्षति (प्रतिशत में)
- पौड़ी, 30-80
- उत्तरकाशी, 20-48
- टिहरी, 25-30
- रुद्रप्रयाग, 15-50
- चमोली, 15-25
- चंपावत, 15-20
- पिथौरागढ़, 10-60
- बागेश्वर, 10-50
- देहरादून, 8-45
- नैनीताल, 5-20
- अल्मोड़ा, 5-25
- ऊधम सिंह नगर, 0.75-4
सेब, पुलम, आड़ू, आम, लीची, माल्टा, कीवी, खुबानी, मटर, आलू, प्याज, कद्दू वर्गीय, फलदार पौधे, विभिन्न सब्जियां व मसाले।