भागलपुर के एक मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक को नामांकन पंजी में छेड़छाड़ करना महंगा पड़ा। काउंटर सिग्नेचर के दौरान जिला शिक्षा पदाधिकारी ने गड़बड़ी पकड़ी और स्पष्टीकरण माँगा। जन्म तिथि में बदलाव किया गया था। डीईओ ने निरीक्षण पदाधिकारियों को नामांकन पंजी की जांच करने का निर्देश दिया है। छेड़छाड़ करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी जिसमें नौकरी से बर्खास्तगी और जेल तक का प्रावधान है।
नामांकन पंजी में छेड़छाड़ करना जिले के एक प्रधानाध्यापक को भारी पड़ गया। दरअसल, मध्य विद्यालय महेशपुर के प्रधानाध्यापक काउंटर सिग्नेचर करवाने को लेकर नामांकन पंजी लेकर जिला शिक्षा विभाग पहुंचे थे। काउंटर सिग्नेचर करने के दौरान नामांकन पंजी की जांच में जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा गलती पकड़ ली गई।
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने इस पर सख्त रूख अख्तियार करते हुए स्कूल के प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण पूछा है। अगर स्पष्टीकरण का जवाब असंतोषजनक पाया जाता है, तो प्रधानाध्यापक पर आगे की कार्रवाई होगी।
दरअसल, मध्य विद्यालय महेशपुर के प्रधानाध्यापक द्वारा जो नामांकन पंजी लाई गई थी, उसमें जिस छात्र का काउंटर सिग्नेचर करवाना था, उसका डेट ऑफ बर्थ में पूर्व से 2012 लिखा हुआ था। जिसे चालाकी करते हुए उम्र घटाने को लेकर उसे 14 कर दिया गया था।
जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार शर्मा ने स्पष्ट निर्देश दिया है अब निरीक्षण पदाधिकारी नामांकन पंजी की जांच करेंगे। उन्होंने बताया कि काउंटर सिग्नेचर के दौरान लगातार ऐसी शिकायतें मिल रही हैं। खासकर नामांकन लेने के समय ऐसी गलतियां ज्यादा पाई जा रही हैं। अब जो पदाधिकारी स्कूल निरीक्षण करने जाएंगे वे वहां के नामांकन पंजी की भी जांच करेंगे।
नामांकन पंजी से छेड़छाड़ करना एक गंभीर अपराध माना जाता है। नामांकन रजिस्टर एक आधिकारिक दस्तावेज होता है। उसमें छात्रों के नाम, उम्र, वर्ग, जाति, उपस्थित, नामांकन संख्या आदि जैसे महत्वपूर्ण जानकारियां दर्ज रहती हैं। अगर कोई व्यक्ति इससे छेड़छाड़ करता है तो पहले स्पष्टीकरण फिर जांच कमेटी के निर्देश पर निलंबन तक की कार्रवाई की जा सकती है।
अगर मामला ज्यादा गंभीर है तो आरोपित की बर्खास्तगी हो सकती है। इसके अलावा कानूनी कार्रवाई में संबंधित व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी के आरोप में दो से 7 साल तक की सजा और जुर्माना लगाए जाने का भी प्रावधान है।