साइबर ठगों ने 74 वर्षीय बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर 1.1 करोड़ रुपये ठगे

वाराणसी में साइबर ठगों ने 74 वर्षीय महेश प्रसाद को डिजिटल अरेस्ट कर 1.1 करोड़ रुपये ठग लिए। ठगों ने मनी लांड्रिंग मामले में फंसाने की धमकी दी और सीबीआई अधिकारी बनकर पैसे ट्रांसफर करवाए। महेश प्रसाद ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

 साइबर ठगों ने वाराणसी के ग्राम लठिया अंतर्गत यश विहार कॉलोनी निवासी 74 वर्षीय महेश प्रसाद को आठ दिन डिजिटल अरेस्ट रखा। आईसीआईसीआई बैंक में पड़े उनके एक करोड़ 10 लाख रुपये अपने बैंक खाते में आरटीजीएस के जरिए ट्रांसफर करा लिए।

साइबर ठगों ने 538 करोड़ की मनी लांड्रिंग केस में शामिल होने की आशंका और रुपये निकालने का भय दिखाकर महेश को अपने चंगुल में फांस लिए। बुजुर्ग ने बताया कि उन्होंने न ही कोई गलत काम किया और न ही कभी एटीएम का प्रयोग किया। इसके बाद एक महिला ने खुद को सीबीआइ अफसर बताते हुए रुपये आरटीजीएस करने को इस भरोसे के साथ कहा कि जांच में निर्दोष पाए जाने पर 72 घंटे में रुपये खुद से वापस हो जाएंगे, लेकिन जब रुपये वापस नहीं हुए।

शक होने पर बुजुर्ग साइबर थाना पहुंचे तो ठगी की आशंका पुष्ट हो पाई। डीसीपी साइबर क्राइम प्रमोद कुमार ने बताया कि केस दर्ज कर गुनहगारों की तलाश की जा रही है। महेश प्रसाद ने साइबर थाना में तहरीर देकर बताया कि बीते आठ मई को दोपहर बाद तीन बजे उनके मोबाइल पर टेलीकॉम डिपार्टमेंट बताकर फोन किया गया। फोन करने वाले ने कहा कि दो दिनों में आपका मोबाइल बंद कर दिया जाएगा क्योंकि आपके खिलाफ कोलाबा पुलिस स्टेशन मुंबई में एफआईआर है। आप पर गलत तरीके से रुपये निकालने का आरोप है। आप मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन में संपर्क करें।

महेश ने खुद को सीनियर सिटीजन बताने के साथ हृदय की बीमारी की परेशानी बताई तो कहा कि आपके आवास पर ही मोबाइल पर पूछताछ करूंगा। महेश ने कहा कि मैं लक्खीसराय में हूं, मेरा घर बनारस है। उसने कहा कि आपके आधार कार्ड पर आपके नाम से नरेश गोयल जो मनी लांड्रिंग केस में जेल में है, उसने केनरा बैंक से रुपये की निकासी की है। उसमें आपके नाम व आधार कार्ड का प्रयोग हुआ है।

संदेह है कि इसमें आपका हाथ हो सकता है, उसने एटीएम कार्ड दिखाया जिस पर महेश प्रसाद प्रिंट था। कहा, राष्ट्रीय मामला है, आप किसी से इस विषय पर बात नहीं करेंगे। आपका मोबाइल मेरी निगरानी में हैं। आप जांच में सहयोग नहीं करेंगे तो पुलिस अरेस्ट कर लेगी। इसके बाद सीबीआइ अधिकारी बन एक महिला ने 72 घंटे में रुपये लौटाने की बात कहकर खाते में पड़े एक करोड़ 10 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए कि तीन दिन बाद वापस हो जाएंगे।

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