भारत पाकिस्तान के बीच पैदा हुए तनाव से उत्तराखंड में भी चार धाम यात्रा और पर्यटन पर सीधा असर पड़ा.

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जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद हुई भारतीय सेना की एयर स्ट्राइक का उत्तराखंड में चल रही चारधाम यात्रा पर गहरा असर पड़ा. हर साल की तरह आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आई. ऋषिकेश से लेकर हरिद्वार तक के होटल सूने पड़े हुए हैं. बीते साल के मुकाबले यात्री कम संख्या में पहुंच रहे हैं. होटल मालिकों की आंखें पर्यटकों के आने का इंतजार कर रही हैं. कारोबारियों ने सरकार से बिजली, पानी के बिलों में राहत की मांग की.

सूने पड़े हैं होटल्स

इन दिनों चार धाम यात्रा चल रही है. धर्मनगरी हरिद्वार को चार धाम यात्रा का द्वार कहा जाता है. हर साल देखने में आता है कि गर्मी के सीजन और चार धाम यात्रा के दौरान यहां मौजूद हजारों होटल और धर्मशाला यात्रियों से पैक रहते हैं, लेकिन इस बार नजारा थोड़ा अलग है. हरिद्वार के होटल बाहुल्य क्षेत्र सुनसान नजर आ रहे हैं. यहां तक की हाल ही में बीते बुद्ध पूर्णिमा स्नान पर भी प्रशासन की उम्मीद के मुताबिक श्रद्धालु हरिद्वार नहीं पहुंचे. हरिद्वार के होटल कारोबारी इस स्थिति को भारत पाक के बीच तनाव के कारण लोगों के मन में बैठा डर बता रहे हैं.

कारोबार पर 50 फीसदी फर्क

कुछ होटल कारोबारियों की माने तो इस सीजन में कारोबार पर 50 फीसदी तक का फर्क पड़ गया. होटल मालिकों का दावा है कि होटलों की ऑनलाइन बुकिंग कैंसिल हो रही हैं. इसके बाद होटल कारोबारी सरकार से बिजली, पानी और सीवर के बिलों में राहत देने की मांग कर रहे हैं. हरिद्वार के ऋषिकुल ग्राउंड में चार धाम यात्रा के फिजिकल रजिस्ट्रेशन के लिए 20 काउंटर लगाए गए हैं. यहां रोजाना बड़ी संख्या में चार धाम यात्री पहुंचकर रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं जिला पर्यटन अधिकारी के मुताबिक रोजाना औसतन 3 हजार यात्री रजिस्ट्रेशन कराकर यात्रा को रवाना हो रहे हैं. अधिकारी मान रहे हैं कि यात्रा का ये कैंसिलेशन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने वाले यात्रियों का हो सकता है.

पर्यटकों की संख्या में कमी

चार धाम यात्रा और गर्मी के सीजन से हरिद्वार में होटल और टूर एंड ट्रेवल्स कारोबारियों को बड़ी आस रहती है. करीब 6 महीने चलने वाले सीजन में कारोबार भी जमकर होता है. ऐसे में यात्रा के सीजन में गुलजार रहने वाली धर्मनगरी शांत दिख रही है, जो स्थानीय कारोबारियों की चिंता बढ़ा रही है.

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