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पाकिस्तान ने बुधवार (14 मई 2025) को भारत के बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ को वापस लौटा दिया. बीएसएफ जवान ने गलती से इंटरनेशनल बॉर्डर क्रॉस करके पाकिस्तान पहुंच गए थे, जिसके बाद पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया था. इस बीच वतन लौटे BSF जवान ने पाकिस्तान में गुजारे खौफनाक दिनों को याद किया.
BSF जवान को सोने तक नहीं दिया गया
पूर्णम कुमार शॉ ने पत्नी रजनी से फोन पर बात कर बताया कि पाकिस्तान में जब वह कैद थे तो उन्हें सोने तक नहीं दिया जाता था. पाकिस्तानी इस तरह से लगातार पूछताछ करते थे जैसे BSF के जवाब कोई जासूस हों. हालांकि पूर्णम शॉ ने अपनी पत्नी को बताया कि उसे शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया गया, लेकिन हर रात पूछताछ के बाद वह मानसिक रूप से थका हुआ महसूस करते थे.
खाना मिलता था, लेकिन ब्रश करने की नहीं थी इजाजत
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक रजनी ने कहा, “उन्हें (पूर्णम शॉ) नियमित रूप से खाना दिया जाता था, लेकिन उन्हें ब्रश करने की अनुमति नहीं थी. जब वे बोलते थे तो वे बहुत थके हुए लगते थे और कहते थे कि उन्हें नींद नहीं आती. कैद के दौरान उन्हें तीन अलग-अलग स्थानों पर ले जाया गया” रजनी के अनुसार उनके पति पूर्णम शॉ को पाकिस्तानी सुरक्षाबल किसी एयरबेस पर भी लेकर गए थे.
‘भारत सरकार के सहयोग से मेरे पति वतन लौटे’
रजनी ने बताया कि 23 दिन बाद पति से बात करने के दौरान वे भावुक हो गईं और उन्हें भावुक देखकर पति भी भावुक हुए. पति की वतन वापसी पर रजनी ने कहा, “यह सभी के योगदान से संभव हो पाया है. मैं पीएम मोदी का आभार जताना चाहती हूं.
रजनी ने बताया कि भारत-पाक के तनाव के बीच हम लोग काफी डरे हुए थे कि अब क्या होगा, लेकिन भारत सरकार के सहयोग से मेरे पति वतन लौटे .
बीएसएफ ने बताया कि गेहूं की कटाई के लिए किसान गेट नंबर 208/1 से फेंसिंग पार कर खेतों में पहुंचे थे. उनके साथ निगरानी के लिए बीएसएफ के दो जवान भी गए थे.गर्मी के चलते शॉ पास के पेड़ की छांव में बैठ गए. तभी वहां, मौजूद एक पाकिस्तानी किसान ने उन्हें देखकर पाक रेंजर्स को सूचना दी.कुछ ही देर में पाक रेंजर्स वहां पहुंचे और जवान को गिरफ्तार कर लिया. शॉ की राइफल भी छीन ली गई और अपने साथ ले गए.