रजिस्ट्री के नाम पर धोखाधड़ी का खुलासा.बैंक ने आठ साल बाद जांच के दौरान खुलासा किया कि जमा किए गए रजिस्ट्री दस्तावेज फर्जी थे।

Herdyes ballabh goswami for NEWS EXPRESS INDIA

उत्तराखंड रुद्रपुर के बैंक ने आठ साल बाद जांच के दौरान खुलासा किया कि जमा किए गए रजिस्ट्री दस्तावेज फर्जी थे। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने दोनों मामलों में मुकदमा दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

रुद्रपुर की एक बैंक शाखा के सहायक महाप्रबंधक ने कोर्ट में बताया कि 2016 में हल्द्वानी के रामजी विहार निवासी विशाल सिंह और उनकी पत्नी स्वीटी सिंह ने पंतनगर में जमीन खरीदने के लिए 4 करोड़ रुपये का लोन लिया। दंपति ने संपत्ति की रजिस्ट्री बैंक में बंधक रखी, लेकिन लोन के बाद उन्होंने कोई किस्त नहीं चुकाई और नोटिस का भी जवाब नहीं दिया।

31 जुलाई 2024 तक बैंक का बकाया 5.39 करोड़ रुपये हो गया। बाद में पता चला कि बैंक में बंधक रखी रजिस्ट्री उनके नाम पर नहीं थी, जिससे धोखाधड़ी का खुलासा हुआ।

बैंक के सहायक महाप्रबंधक ने कोर्ट में एक और प्रार्थना पत्र दाखिल किया, जिसमें बताया गया कि 2015 में हल्द्वानी के छड़ायल नया गांव के जीवन चन्द्र और रुद्रपुर के आइडिया कॉलोनी निवासी शुचि भारद्वाज ने साझेदारी में ‘इंस्पिरेशन सर्विसेज’ नाम की फर्म के लिए 3.5 करोड़ रुपये का लोन लिया था। नोटिस मिलने के बावजूद उन्होंने कोई किस्त नहीं चुकाई।

आरोप है कि उन्होंने फर्जी रजिस्ट्री के जरिए बैंक को धोखा दिया और लोक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। बैंक के अधिवक्ता उनके संपत्ति दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं। रुद्रपुर कोतवाली और एसएसपी को शिकायत के बावजूद कार्रवाई न होने पर कोर्ट का सहारा लिया गया। कोतवाल ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने दोनों मामलों में मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच जारी है।

 

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