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इंडियन आर्मी सूर्यकिरण 2023 वार एक्सरसाइज के लिए तैयार है, जो 7 दिसंबर तक चलेगा। इस युद्धाभ्यास में भाग लेने के लिए नेपाली थल सेना भी भारत भी पहुंच चुकी है। यह अभ्यास भारत का न्यूजीलैंड कहे जाने वाले पिथौरागढ़ में होने वाला है। दोनों देशों के 600 से अधिक जवान इस युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं।
भारत और नेपाल के सेना हर साल करते हैं युद्धाभ्यास
आपको बता दें कि हर साल नेपाल और भारत की थल सेना ऑल्टरनेट तरीके से एक दूसरे के साथ युद्धाभ्यास करते हैं। पिछले साल यह युद्धाभ्यास जिसका 16 वां संस्करण था, वह नेपाल में आयोजित किया गया था। सूर्य किरण युद्धाभ्यास (Suryakiran 2023 war exercise) की शुरुआत दोनों देशों के बीच साल 2011 में हुई थी।
युद्धाभ्यास से क्या होगा फायदा?
इस युद्धाभ्यास की शुरुआत इसलिए की गई थी, क्योंकि चीन की गंदी नजर नेपाल पर पड़ने लगी थी। इसके बाद वार्षिक आधार पर क्रमवार रूप से इसका आयोजन किया जा रहा है। सेना ने news 24को एक्सक्लूसिव जानकारी देते हुए बताया कि इस युद्धाभ्यास के जरिए दोनों देशों के द्विपक्षीय रक्षा संबंध मजबूत होंगे। साथ ही युद्धाभ्यास से दोनों सेनाओं के बीच जंगल की लड़ाई में सामंजस्य और एकजुटता से अटैक करना और पहाड़ों पे विशेष धयान दिया जाएगा।
इसके अलावा आतंकवाद रोधी अभियानों के संचालन, मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान को लेकर क्षमता में इजाफा होगा। युद्धाभ्यास के दौरान दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के साथ अपने युद्ध अनुभव को भी साझा करेंगे।
600 से अधिक जवान इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लेंगे
बता दें कि, नेपाल सेना की टुकड़ी में तारा दल बटालियन द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए 334 कर्मी शामिल हैं, जबकि 354 कर्मियों वाली भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व कुमाऊं रेजिमेंट की एक बटालियन द्वारा किया जा रहा है। यानी कुल मिलाकर इस युद्धाभ्यास में 600 से भी अधिक जवान भाग लेने वाले हैं। यह युद्धभ्यास उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में होगा।