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उत्तराखंड परिवहन निगम ने यात्रियों की सुरक्षा की मद्देनजर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने का फैसला लिया है। जिससे न केवल यात्रियों का सफर सुरक्षित रहेगा बल्कि दुर्घटनाओं की संख्या में भी काफी हद तक कमी आ जाएगी। यह संभव हो पाएगा उत्तराखण्ड रोडवेज बसों में उपयोग किए जा रहे हमसफ़र एप से, जिसका ट्रायल इन बसों में सफल हो गया है।
बता दें कि यह एप चालक को झपकी आने के साथ ही बस के ओवर स्पीड होने पर न केवल ड्राइवर को अलर्ट कर रहा है, बल्कि बार-बार ये गलतियां दोहराने पर चालक की रेटिंग भी डाउन कर रहा है, जिसकी मानिटरिंग खुद रोडवेज मुख्यालय द्वारा की जा रही है, जिससे चालकों को सख्त कार्रवाई होने का भी भय बना हुआ है। इतना ही नहीं इसके आधार पर अच्छी ड्राइविंग करने वाले चालकों को रोडवेज प्रबंधन द्वारा प्रोत्साहन भी दिया जाएगा.
बसों में हमसफ़र एप का ट्रायल सफल होने के बाद अब परिवहन निगम अपनी सभी बसों में इस एप को अनिवार्य करने जा रहा है। जिससे सफर के दौरान यात्री खुद को पहले से भी अधिक महफूज समझ सके। इस संबंध में रोडवेज प्रबंधन ने इस एप को बसों में लगाने के लिए कंपनी की चयन प्रक्रिया भी शुरू कर दी। जिसके लिए निविदा आमंत्रित की गई है। रोडवेज के अधिकारियों के मुताबिक चयनित कंपनी द्वारा एप में आ रही खामियों को भी दूर किया जाएगा।
विभागीय अधिकारियों ने यह भी बताया कि बसों में इस एप के उपयोग का प्रमुख उद्देश्य सड़क दुघर्टनाओं पर रोक लगाना है। इसके अलावा रोडवेज प्रबंधन इस एप के माध्यम से गलत ड्राइविंग करने वाले चालकों पर भी नजर रख सकेगा।