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G-20 समिट में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता को लेकर खुलकर एक निजी टीवी चैनल से बातचीत की है. धामी ने कहा कि यूसीसी पर देश के अंदर मांग उठती रही है. जैसे अयोध्या में राम मंदिर और कश्मीर में अनुच्छेद 370 कानून हटने की मांग उठती थी. ठीक उसी तरह यूसीसी को लेकर भी लोगों की मांग रहती थी. लोग चाहते हैं कि सबके लिए एक समान कानून होना चाहिए.
धामी ने आगे कहा, यूसीसी की मांग भी लंबे से उठती आई है. हमने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में हमने यह बात जनता के सामने रखी. इसके पीछे तर्क दिया कि उत्तराखंड देवभूमि है. ये गंगा का प्रदेश है. राष्ट्रीय सीमाओं से लगा प्रदेश है. प्रत्येक परिवार से लोग सीमा पर देश के लिए सेवाएं दे रहे हैं. इसलिए उत्तराखंड के अंदर रहने वाले लोगों के लिए एक समान कानून होना चाहिए. लोगों ने इस बात पर मुहर लगाई और राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि किसी पार्टी की सरकार को लगातार दूसरी बार मौका मिला. उत्तराखंड की जनता ने मार्ग प्रशस्त किया.
‘यूसीसी पर दो लाख 25 हजार लोगों ने विचार रखे’
धामी ने कहा, हमने यूसीसी के लिए डॉक्टर रंजना प्रकाश की अध्यक्षता में कमेटी बनाई. उस कमेटी ने एक साल से भी ज्यादा समय से दो लाख 25 हजार से भी ज्यादा लोगों से बात की और उनके विचार लिए. धार्मिक संगठनों से बात की. लॉ कमीशन ने भी सलाह दी. कमेटी ने लगभग ड्राफ्ट संकलित कर लिया है. जैसे ही वो ड्राफ्ट मेरे पास आएगा. मैं उसे लागू करने की दिशा में कदम आगे बढ़ा दूंगा.
यूनिफॉर्म सिविल कोड के जरिए मुस्लिमों को टारगेट करने के सवाल पर धामी ने कहा, किसी के टारगेट के लिए नहीं है. महिला सशक्तिकरण के लिए है. उनकी सुरक्षा के लिए है. ये बात वो लोग करते हैं, जिन्होंने तुष्टीकरण की राजनीति की है. समानता की बात कभी नहीं की है. ये सब बातें देश के अंदर समाप्त हो रही हैं. बहु विवाह रुकने के सवाल पर कहा, ये ड्राफ्ट मुझे नहीं मिला है. ड्राफ्ट मिलने के बाद स्पष्ट हो सकेगा. विद्वानों ने उस पर राय दी है. देश के अंदर सशक्तिकरण और समानता की बात कर रहे हैं तो मातृ शक्ति के लिए अच्छा ही बना होगा. उत्तराखंड की जनता ने इस पर बहुमत दिया है. जनता पास कर चुकी है. उत्तराखंड की जनता ने पास किया है. समर्थन दिया है. देश के अंदर अन्य राज्य भी उसे लागू करें.
जी-20 समिट को लेकर धामी ने कहा, पहले इस तरह के आयोजन का पता नहीं चलता था. पहली बार देश के छोटे छोटे कोनों में बैठकें हो रही हैं. भारत की साख का दुनिया में पता चल रहा है. दुनिया ने भारत को नजदीक से देखा है. मोदीजी ने जनजन का जी-20 बनाया. उत्तराखंड में तीन आयोजन का अवसर मिल रहा है. हमारे यहां के कामों को अतिथियों ने देखा. ग्रामीणों के परिवेश को देखा.
‘बाढ़-बारिश से उत्तराखंड को एक हजार करोड़ का नुकसान’
बाढ़ और बारिश से उत्तराखंड को नुकसान पर सीएम ने कहा, काफी प्रकोप रहा. एक आपदा की स्थिति है. जनहानि से लेकर स्ट्रक्चर तक का नुकसान हुआ. एक हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. धीरे-धीरे पहली जैसी स्थिति में आने की कोशिश कर रहे हैं. सड़कें बह गई हैं. पुल-पुलियां टूट गए हैं. मानसून कम होने के बाद ही हालात सामान्य होने की तरफ बढ़ पाएंगे.
उत्तराखंड में इंफ्रास्ट्रक्टचर पर जोर’
प्रशासनिक फैसले और पर्यटकों को लेकर कहा, पर्यटकों के लिए हमारी सड़कें अच्छी बनी हैं. चार धाम और अन्य स्थानों तक जाना सुगम हो गया है. देहरादून से हरिद्वार और अन्य जगह जाने के लिए अच्छी सड़कें होने से एक सुविधाजनक रास्ता मिला है. सहूलियत हुई है. देहरादून से 36 फ्लाइट रन होती हैं. हवाई यात्रा भी अच्छी हो गई है. इंफ्रास्ट्रक्टचर पर पूरा जोर है. पिछली बार से ज्यादा पर्यटक लाने की कोशिश है. 38 लाख लोगों ने अब तक चारधाम यात्रा कर ली. ये संख्या 50 लाख तक जाएगी. पर्यटकों के पार्किंग से लेकर सड़कों पर काम किया जा रहा है. रोडमैप बनाकर काम कर रहे हैं.