मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जनरल बिपिन रावत की प्रतिमा शौर्य और साहस की प्रेरणा देगी.

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जनरल बिपिन रावत की स्मृति को चिरस्थाई बनाए जाने के लिए प्रदेश की किसी बड़ी परियोजना को नाम उनके नाम पर रखा जाएगा। यह भव्य प्रतिमा और स्मारक स्थल जनरल बिपिन रावत के शौर्य, साहस और वीरता का स्मरण कराने के साथ ही युवाओं को प्रेरणा देंगे।

मुख्यमंत्री शुक्रवार को कनक चौक देहरादून में देश के पहले सीडीएस जनरल पद्मविभूषण बिपिन रावत की प्रतिमा और स्मारक स्थल के लोकार्पण के दौरान संबोधित कर रहे थे। सीडीएस जनरल रावत की प्रतिमा और स्मारक स्थल का निर्माण एमडीडीए की ओर से करीब 50 लाख रुपये की लागत से किया गया है। मुख्यमंत्री ने जनरल रावत को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी आकस्मिक मृत्यु से देश को जो अपूर्णीय क्षति हुई है, उसकी भरपाई कभी संभव नहीं है।

उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के गौरवमई इतिहास में उत्तराखंड के सैनिकों का विशिष्ट योगदान रहा है। उत्तराखंड के युवाओं का सेना में शामिल होना प्रमुख प्राथमिकता रही है। सैन्य सेवा हमारे लिए मात्र रोजगार का अवसर नहीं देश और समाज के लिए जीवन समर्पित करने का बेहतर अवसर भी है। सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान जनरल रावत का मार्गदर्शन सैनिकों के बहुत काम आया। उनके योगदान और प्रतिबद्धता को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।

साल के अंत तक पूरा हो जाएगा सैन्य धाम का निर्माण
मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिक पुत्र होने के नाते उनका भी सेना के प्रति जुड़ाव रहा है। बचपन में वे भी सेना का हिस्सा बनना चाहते थे। 2021 में जनरल बिपिन रावत को जब ज्ञात हुआ कि मेरे पिता महार रेजिमेंट में रहे हैं तो उन्होंने महार रेजिमेंट सेंटर सागर जाने का कार्यक्रम बनाने और स्वयं भी वहां जाने की इच्छा जताई थी, लेकिन इस दुखद घटना के कारण महार रेजिमेंट सागर के कार्यक्रम में उनका सानिध्य नहीं मिल पाया।

देहरादून के गुनियाल गांव में प्रदेश के शहीदों की शहादत स्मृतियों को यादगार बनाने के लिये भव्य शौर्य स्थल (सैन्य धाम) का निर्माण किया जा रहा है। इस साल के अंत तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड राज्याधीन सेवाओं में शहीद सैनिक के आश्रितों को जिलाधिकारी कार्यालय में समूह ‘ग’ अथवा ‘घ’ में सीधी भर्ती से नियुक्ति करने का काम भी कर रही है। अभी तक करीब 23 आश्रितों को नियुक्ति दी जा चुकी है। साथ ही विभिन्न युद्धों, सीमांत झड़पों और आंतरिक सुरक्षा में शहीद सैनिकों की विधवाओं और आश्रितों को एकमुश्त दस लाख का अनुग्रह अनुदान भी दिया जा रहा है। –

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजान दास, सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, मेयर सुनील उनियाल गामा, जेओसी संजीव खत्री, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी, मेजर जीएस रावत, मेजर आनंद सिंह, जनरल विपिन रावत की दोनों बेटियां कृतिका और तारिणी के साथ सेना के अधिकारी और जवान मौजूद रहे।

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