उत्तराखंड के कई शिक्षक, यूपी, बिहार और दिल्ली में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। पांच अप्रैल तक शिक्षक उत्तराखंड न लौटे तो होंगे निलंबित.

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उत्तर प्रदेश में कार्यरत उत्तराखंड के चार शिक्षकों की शासन ने प्रतिनियुक्ति समाप्त कर दी है। शासन की ओर से राज्य परियोजना निदेशक लखनऊ को लिखे पत्र में कहा गया है कि पांच अप्रैल तक सभी शिक्षक मूल विभाग में योगदान दें। ऐसा न करने पर संबंधित को निलंबित कर उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

उत्तराखंड के कई शिक्षक, यूपी, बिहार और दिल्ली में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। मामला अमर उजाला में प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद शासन की ओर से संबंधित शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर दी गई है। शिक्षा सचिव रविनाथ रमन की ओर से राज्य परियोजना निदेशक लखनऊ को लिखे पत्र में कहा गया है शिक्षक जिला समन्वयक के पद पर तीन साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर गए थे।

पांच साल से भी अधिक समय से यूपी में कार्यरत हैं। जीआईसी चौरीखाल पौड़ी के प्रवक्ता शंकर सुमन, जिला परियोजना कार्यालय प्रतापगढ़ में पांच साल से भी अधिक समय से जिला समन्वयक के पद पर कार्यरत हैं।

इसके अलावा जीआईसी सिप्टी चंपावत में प्रवक्ता विनोद कुमार, जिला परियोजना कार्यालय गौंडा में जिला समन्वयक और जीआईसी कलोगी उत्तरकाशी में प्रवक्ता सुनील कुमार पिछले पांच साल से भी अधिक समय से जिला परियोजना कार्यालय अयोध्या में कार्यरत हैं जबकि जीआईसी जाखणीधार टिहरी में प्रवक्ता सत्यनारायण पिछले 13 साल से भी अधिक समय से रमाबाईनगर यूपी में कार्यरत हैं। आदेश में कहा गया है नियमानुसार प्रतिनियुक्ति अधिकतम पांच साल तय है। प्रतिनियुक्ति की अवधि की समाप्ति की तिथि से उन्हें कार्यमुक्त माना जाएगा।

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