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उत्तराखंड सरकार के मंत्रियों के साथ एक अहम उपलब्धि दर्ज हो गई है। उत्तराखंड मंत्री परिषद के सभी नौ सदस्य करोड़पति हैं और इनमें से किसी के खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है।उत्तराखंड उन 11 राज्यों में शामिल है, जिनके सभी मंत्री करोड़पति हैं।
एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) ने हाल ही में जारी अपनी रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया है। इस रिपोर्ट का आधार मंत्रियों द्वारा चुनाव के दौरान जमा किए गए शपथपत्र को बनाया गया है। केवल पांच राज्य ऐसे हैं, जहां तैनात मंत्रियों पर कोई मुकदमे दर्ज नहीं
एडीआर द्वारा हर साल राजनीतिक दलों और नेताओं पर सर्वे करते हुए रिपोर्ट तैयार की जाती है। इस बार एडीआर ने भारत की 28 राज्यों की विधानसभा और दो केंद्र शासित प्रदेशों में वर्तमान मंत्री परिषद का विश्लेषण किया है।
विश्लेषण में शामिल किए गए 558 मंत्रियों में से 239, यानी 43 प्रतिशत पर आपराधिक मुकदमें हैं। केवल पांच राज्य ऐसे हैं, जहां तैनात मंत्रियों पर कोई मुकदमें दर्ज नहीं हैं। इनमें उत्तराखंड के अलावा अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, मणिपुर और मेघालय के मंत्री शामिल हैं।
हालांकि, उत्तराखंड उन 11 राज्यों में शामिल है, जिनके सभी मंत्री करोड़पति हैं। इनमें राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र्र, मणिपुर, तेलंगाना और केंद्र शासित पुडुचेरी शामिल है।सबसे कम संपत्ति वाला राज्य त्रिपुरा
मंत्रियों की सबसे कम संपत्ति वाला राज्य त्रिपुरा है। यहां के 11 में से पांच मंत्री ही करोड़पति है। यानी 45 प्रतिशत मंत्री ही करोड़पति हैं। यहां के मंत्रियों की औसत संपत्ति 2.67 करोड़ है।
महिलाओं के प्रतिनिधित्व के लिहाज से उत्तराखंड में एक महिला मंत्री है जो कुल मंत्रियों का 11 प्रतिशत है। मंत्री परिषद में सबसे अधिक आठ महिला मंत्री बंगाल में हैं। वहीं आठ राज्य ऐसे है जहां महिलाओं को मंत्री परिषद को स्थान नहीं दिया गया है।