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आज होने वाले ट्रांसपोर्टरों के प्रदेशव्यापी चक्का-जाम से विक्रम जनकल्याण समिति पीछे हट गई है। समिति ने आन्दोलन को समर्थन तो दिया, लेकिन वाहनों का चक्का-जाम नहीं करने का निर्णय लिया। चक्का-जाम को लेकर ट्रांसपोर्टरों में शुरुआत से एक राय नहीं रही।
उत्तराखंड स्कूल वैन एसोसिएशन ने भी चक्का-जाम से किनारा किया हुआ है। आंदोलन में शामिल ट्रांसपोर्टर आज मंगलवार को चक्का-जाम से साथ विधानसभा कूच कर प्रदर्शन करेंगे। इसमें निजी स्टेज कैरिज बस, सिटी बस, टैक्सी, मैक्सी, आटो, टाटा मैजिक, लोडर और ट्रक यूनियन शामिल हैं।
चक्का-जाम की वजह से आमजन, पर्वतीय मार्गों के यात्रियों और बाहर से आने वाले पर्यटकों को मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, रोडवेज बसों का संचालन सुचारू रहेगा।
प्रदेश में सार्वजनिक यात्री और माल वाहनों की फिटनेस की वर्तमान व्यवस्था को बदलकर निजी कंपनी के जरिये आटोमेटेड फिटनेस स्टेशन में कराने आ विरोध कर रहे ट्रांसपोर्टरों ने मंगलवार को प्रदेशव्यापी चक्का-जाम का एलान किया हुआ है।
इसी के साथ ट्रांसपोर्टर डीजल चालित वाहनों पर लगाये जा रहे प्रतिबंध का भी विरोध कर रहे। उनकी मांग है कि जब तक प्रदेश के सभी जिलों में फिटनेस के लिए दो-दो स्टेशन स्थापित नहीं हो जाते, तब तक पुरानी व्यवस्था को बहाल रखा जाए।
पुरानी व्यवस्था में वाहनों की फिटनेस आरटीओ व एआरटीओ कार्यालय में संभागीय परिवहन निरीक्षक की ओर से की जाती थी। पिछले दिनों सरकार ने देहरादून के डोईवाला और ऊधमसिंहनगर के काशीपुर में निजी कंपनी के जरिये पीपीपी मोड में आटोमेटेड फिटनेस स्टेशन शुरू किए और सभी वाहनों को वहां ले जाने के आदेश दिए गए।
इनमें से काशीपुर के फिटनेस स्टेशन पर नैनीताल हाईकोर्ट स्टे लगा चुकी है, जबकि डोईवाला का अभी चल रहा। आरोप है परिवहन आयुक्त यहां देहरादून, विकासनगर, हरिद्वार, रुड़की, कोटद्वार समेत गढ़वाल के वाहनों को ले जाने का दबाव बना रहे।