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देहरादून यात्री से तय से अधिक किराया वसूली के मामले पर एसटीए ने सख्त कार्रवाई करते हुए परमिट तीन माह के लिए निलंबित कर दिया है। शुक्रवार को हुई एसटीए की बैठक में किराए का प्रकरण रखा गया। देहरादून के कांवली रोड निवासी केए पाल ने 30 सितंबर को बागेश्वर के लिए 7500 रुपये में टैक्सी बुक की थी। चालक ने तेल भरवाने के लिए तीन हजार रुपये लिए।
बागेश्वर पहुंचने के बाद 7500 रुपये और मांगे। इस पर पाल ने आपत्ति जताई तो चालक ने अभद्र व्यवहार किया। मजबूरी में पाल ने पैसा दे दिया। बाद में उन्होंने टैक्सी मालिक से फोन पर बात की लेकिन मालिक ने पैसा नहीं लौटाया। शिकायत पर एआरटीओ प्रवर्तन देहरादून ने वाहन स्वामी का नोटिस भेजा लेकिन उसने जवाब नहीं दिया।
प्राधिकरण की बैठक में मामला रखा गया। एसटीए ने इसे गंभीरता से लिया। मोटरयान अधिनियम-1988 की धारा-86 में परमिटों के खिलाफ कार्रवाई के तहत एसटीए ने टैक्सी का परमिट तीन माह के लिए निलंबित कर दिया।
एसटीए अध्यक्ष अरविंद सिंह ह्यांकी का कहना है कि प्रदेश में लाखों पर्यटक हर साल आते हैं। ऐसे में गलत वसूली करने वालों के लिए यह कार्रवाई सबक होगी। बैठक में संयुक्त परिवहन आयुक्त एसके सिंह, उप परिवहन आयुक्त राजीव मेहरा, आरटीओ देहरादून प्रशासन सुनील शर्मा, आरटीओ प्रवर्तन शैलेश तिवारी सहित एसटीए सदस्य मौजूद रहे।
एसटीए बैठक में तय किया गया है कि सभी संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) के परमिट संबंधी नियम समान होंगे। इसके तहत ठेका गाड़ी से लेकर माल वाहन और सार्वजनिक यातायात वाहनों के नियम शामिल हैं। एसटीए का कहना है कि नियमों में सरलता लाने के लिए तमाम मामलों में फैैसला लेने का अधिकार आरटीए बैठक के बजाय सीधे आरटीओ को दिया गया है। इस संबंध में आरटीए को पत्र भेजा जाएगा।