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मकान का दाखिल खारिज कराने के नाम पर व्यक्ति से रिश्वत लेते कैंट बोर्ड के कार्यालय अधीक्षक (बड़े बाबू) और टैक्स क्लर्क (बाबू) को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। इनमें से एक को 25 हजार की रिश्वत के साथ रंगेहाथ पकड़ा जबकि दूसरे को पूछताछ के बाद सीबीआई अपने साथ ले गई। दोनों के घरों पर भी छापे मारकर सीबीआई ने कई दस्तावेज कब्जे में लिए हैं।
सीबीआई के जनसंपर्क अधिकारी आरके गौड़ ने कार्रवाई की पुष्टि की है। जानकारी के अनुसार, प्रेमनगर निवासी वेदप्रकाश गुप्ता ने वर्ष 1998 में पुराना बाजार, प्रेमनगर में मकान खरीदा था। मगर, अब तक मकान उनके नाम पर नहीं हो पाया। इसके लिए उन्होंने कैंट बोर्ड के सीईओ के नाम 30 दिसंबर 2019 को एक आवेदन पत्र कैंट बोर्ड कार्यालय में दिया। वह लगातार इसके बारे में पता करते रहे। पिछले सोमवार को वह कार्यालय अधीक्षक शैलेंद्र शर्मा के पास गए। आरोप है कि शर्मा ने उनसे 50 हजार रुपये रिश्वत की मांग की।
बुधवार को वह फिर वहां गए। उनके साथ टेप रिकॉर्डर भी था ताकि शिकायत के लिए अपनी बात को पुष्ट कर सकें। उन्होंने सारी बातें रिकॉर्ड कर लीं। बृहस्पतिवार को वह फिर से कार्यालय गए तो शैलेंद्र ने उन्हें रमन अग्रवाल के पास भेज दिया। रमन ने कहा कि इस फाइल में डेथ सर्टिफिकेट लगा हुआ है। ऐसे में मकान अभी उनके नाम पर नहीं हो सकता है। शैलेंद्र को यह बात बताई तो उन्होंने रमन को बुलाया। दोनों ने आपस में बात की और फिर 50 हजार रुपये की मांग की। वेदप्रकाश ने कम करने को कहा तो वे 25 हजार रुपये पर राजी हो गए।
वहीं, इससे पहले ही वह सीबीआई से शिकायत कर चुके थे। बृहस्पतिवार को जब उन्होंने कार्यालय पहुंचकर रमन को रिश्वत दी तो सीबीआई के अधिकारी भी पहुंच गए। उन्होंने रमन को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद कार्यालय अधीक्षक शैलेंद्र शर्मा को भी दबोच लिया। दोनों से घंटों पूछताछ की गई। सीबीआई दोनों आरोपियों को आज न्यायालय में पेश करेगी। उधर, सीबीआई ने रमन अग्रवाल के झंडा मोहल्ला स्थित घर पर भी छापा मारा। इसके अलावा शैलेंद्र शर्मा के प्रेमनगर स्थित घर पर भी सीबीआई ने पड़ताल की। यहां से बहुत से दस्तावेज सीबीआई ने अपने कब्जे मेें लिए हैं।
बैंक खातों की जुटाई जा रही है जानकारी
सीबीआई ने दोनों आरोपियों के बैंक खातों की डिटेल जुटानी शुरू कर दी है। इनकी संपत्तियों की भी जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि रमन अपने पिता के स्थान पर नौकरी पर लगा था। शैलेंद्र शर्मा अगले साल जुलाई में सेवानिवृत्त होने वाला है। मामले में सीबीआई और भी खुलासे कर सकती है।
कुछ दिन पहले भी बोर्ड दफ्तर में पड़े थे छापे
सीबीआई ने कुछ दिन पहले भी कैंट बोर्ड के दफ्तर में पड़ताल की थी। उस वक्त सीबीआई की टीम रक्षा संपदा विभाग के अधिकारियों के साथ वहां पहुंची थी। मामला कैंट क्षेत्र में मोबाइल टावर लगाए जाने से संबंधित था। सीबीआई ने कई कर्मचारियों और अधिकारियों से पूछताछ की थी।