देहरादून में सूखे और जर्जर पेड़ जानलेवा खतरा बन गए हैं। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से इन्हें हटाने की मांग की है

VS CHAUHAN FOR NEWSEXPRESSINDIA

दून की व्यस्त सड़कों और रिहायशी इलाकों में खड़े सूखे व गिरासू पेड़ अब जानलेवा खतरा बन चुके हैं। शहर में कई ऐसे पेड़ हैं, जो बिजली के खंभों और तारों पर झुके हुए हैं। इनसे आसपास के लोगों और राहगीरों में हमेशा भय बना रहता है। 

स्थानीय निवासी कई बार इन पेड़ों को हटाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन संबंधित विभाग चुप्पी साधे बैठे हैं। यह स्थिति तब है, जब गर्मियों में तेज आंधी-तूफान और बारिश का खतरा लगातार बना रहता है।जर्जर व कमजोर पेड़ दून में चाराें ओर खड़े हैं। लोग हर आंधी और बारिश के साथ यह डर लेकर घरों से निकलते हैं कि कहीं कोई पेड़ उन पर न गिर जाए। दुकानदार और स्थानीय लोग इस खतरे को लेकर लगातार प्रशासन को अवगत करा रहे हैं, लेकिन अब तक ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है।

नगर निगम और वन विभाग की ओर से अब तक इन पेड़ों की छंटाई या कटान को लेकर कोई सक्रियता नहीं दिखाई गई है। जबकि गर्मी के इस मौसम में हवा और वर्षा के साथ पेड़ गिरने की घटनाएं आम होती जा रही हैं। ऐसे में यदि समय रहते उचित कार्रवाई नहीं हुई तो कोई बड़ी दुर्घटना होना तय है।

 

स्थानीय निवासी व सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि प्रशासन तुरंत सर्वे कराकर खतरनाक पेड़ों की सूची बनाए और प्राथमिकता के आधार पर उनका कटान या ट्रिमिंग कराए। साथ ही उन स्थानों पर नए और सुरक्षित वृक्ष लगाए जाएं।

 

100 साल पुराने सूखे पेड़ बन रहे हैं आफत

शहर में कई पेड़ ऐसे हैं जो 100 साल से भी अधिक पुराने हैं। समय के साथ सूख चुके इन पेड़ों की जड़ें कमजोर हो चुकी हैं, लेकिन फिर भी ये प्रमुख सड़कों और घरों के आसपास मौत का साया बनकर खड़े हैं। कुछ स्थानों पर हरे पेड़ भी सड़क की ओर झुक गए हैं और कभी भी गिर सकते हैं।

 

इन क्षेत्रों में खतरा बने हैं गिरासू पेड़

चकराता रोड, सहस्रधारा रोड, राजपुर रोड, गांधी रोड, मालसी, रायपुर, सुद्धोवाला, रिंग रोड, मोहब्बेवाला, मोथरोवाला, दूधली, शिमला बाईपास रोड आदि।

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