भारत-पाकिस्तान की सरहद पर बसे बाड़मेर का बचिया गांव: यहां अपनी बेटी को नहीं ब्याहना चाहता है. गांव में कुंवारे युवाओं की लाइन लगी है.

VSCHAUHAN for NEWS EXPRESS INDIA

भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर पर बसे बाड़मेर जिले में एक गांव ऐसा भी है कि वहां के बेटों को कोई माता-पिता अपनी बेटियां नहीं ब्याहना (Marriage) चाहता. दुनिया में लोग भले ही आज 5जी और मंगल पर पानी की बात करते हैं लेकिन भारत-पाक की सरहद पर बसे बचिया गांव (Bachia village) में आज भी मूलभूत सुविधाओं का नितांत अभाव है. बिजली, पानी, चिकित्सा, सड़क और शिक्षा के अभाव में यह गांव बरसों से वीरानी की चादर ओढ़े हुए है. न जाने कितनी सरकारें आईं और चली गईं लेकिन इस गांव की तरफ किसी ने देखा तक नहीं. आजादी के 75 बरस बाद भी इस गांव में कोई सुविधा नहीं है. यहां तक लोग पानी भी कुंए से खींचकर निकालते हैं.

कहते हैं कि अपनी बेटी का रिश्ता तय करने से पहले उसके माता-पिता भावी दामाद का घर और परिवार देखते हैं. वे यह भी देखते हैं कि जहां से रिश्ते की बात आई है उस जगह पर सुविधाएं हैं भी या नहीं. सब तरफ से निश्चिंत होने के बाद ही पिता बेटी का रिश्ता तय करता है लेकिन बेटियों के पिता के इस मापदंड पर बाड़मेर जिले का बचिया गांव किसी भी तरह से खरा नहीं उतरता है. यही वजह है कि यहां के कई युवा अभी तक कुंवारे बैठे हैं. कइयों की तो शादी की उम्र भी निकल गई है.

गांव का जिक्र आते है साफ मना कर देते हैं बेटी वाले
यही वजह है कि लोग इस गांव से रिश्ता करने से ही कतराते हैं. गांव की बुजुर्ग सीता देवी बताती है कि गांव के लड़कों तो लोग पसंद कर लेते हैं, लेकिन जैसे ही बचिया गांव का जिक्र आता है तो वे रिश्ते की बात से साफ-साफ इनकार कर देते हैं. बिजली, पानी, चिकित्सा और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से महरूम यह गांव आजादी के 75 साल बाद बढ़ने की बजाय लगातार छोटा होता जा रहा है.

गांव बढ़ने की बजाय सिमटता जा रहा है
ग्रामीणों के मुताबिक कभी यह गांव काफी बड़ा था. लेकिन आज यह सिमट गया है. अब गांव में केवल अस्सी से सौ घरों की आबादी ही रहती है. विकास की उम्मीद में इस गांव के बाशिंदे राज की तरफ टकटकी लगाए रहते हैं लेकिन सियासतदानों को यह गांव नजर ही नहीं आता है. इसके चलते गांव से कई परिवार पलायन कर गये. कोई बाड़मेर चला गया तो कहीं और जाकर बस गया. इसके कारण गांव की आबादी और घर सिमटते जा रहे हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *