Herdyes goswami for NEWS EXPRESS
अक्सर हम देखते हैं कि किसी व्यक्ति ने सुसाइड कर लिया. सवाल यह है कि क्यों मजबूर हो जाता है इंसान, मौत को गले लगाने के लिए? सुसाइड करने वाला इंसान ऐसी मानसिक स्थिति पर पहुंच जाता है. कि उसे जीवन दूभर लगने लगता है. और मौत आसान लगने लगती है. और व्यक्ति अपनी जीवन लीला खुद ही समाप्त कर लेता है.
उत्तराखंड सरकार में पूर्व मंत्री राजेंद्र बहुगुणा ने छेड़छाड़ का आरोप लगाए जाने के कुछ दिनों बाद गोली मारकर आत्महत्या कर ली। बहुगुणा ने पानी की टंकी के ऊपर चढ़कर खुद को गोली मारी। हल्द्वानी के अंचल अधिकारी (सीओ) भूपिंदर सिंह धोनी ने बताया कि बहुगुणा की बहू ने उन पर अपनी पोती से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। उन पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
धोनी ने बताया कि पड़ोसी सविता की शिकायत पर उनके खिलाफ एक और मामला दर्ज किया गया था, जिसने उस पर अपनी सास के साथ चलते वक्त गाली देने, धमकी देने और हमला करने का आरोप लगाया था।
आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज
पुलिस ने सुसाइड के बाद बहू के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है।
आत्महत्या के संभावित कारण के बारे में पूछे जाने पर सीओ ने कहा कि कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन वह केस और आरोपों से परेशान थे। उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी बहुगुणा को 2002 में राज्य की पहली निर्वाचित सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया था।
59 साल के राजेंद्र बहुगुणा पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया था। पूर्व मंत्री बहुगुणा ने हल्द्वानी में अपने घर से आपातकालीन नंबर 112 पर पुलिस को फोन किया और उन्हें अपनी आत्महत्या की योजना के बारे में बताया। सीओ ने बताया, “पुलिस टीम मौके पर पहुंची.बहुगुणा ने फिर पानी की टंकी पर चढ़कर पुलिस के आने के बाद पड़ोसियों और गवाहों के सामने उन्होंने खुद को मार डाला।मौक़े पर पहुंचकर पुलिस ने लाउडस्पीकर की मदद से बहुगुणा को समझाने की कोशिश की पर पूर्व मंत्री बार-बार पुलिस को बताते रहे कि वो बेगुनाह हैं। जिसके बाद बहुगुणा ने अपने सीने पर गोली मार ली.उन्हें अस्पताल ले जाया गया। उन्हें बचाने के कई प्रयास किए गए, जो नाकाम रहे।”
31 अक्टूबर को होने वाले थे रिटायर: गौरतलब है कि राजेंद्र बहुगुणा कांग्रेस से जुड़े हुए थे। रोडवेज संघ समेत कई अन्य संगठनों में भी वह उच्च पदों पर रहे। हल्द्वानी डिपो के वर्कशाप में वह सीनियर लिपिक के पद पर कार्यरत थे। 31 अक्टूबर 2022 को वह रिटायर होने वाले थे।बहुगुणा रोडवेज कर्मचारी रहते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के कार्यकाल में कांग्रेस में शामिल हुए थे। लंबे समय तक कांग्रेस में रहने के दौरान ही वह दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री रहे थे। हालांकि, बाद में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था।