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सरकार की तरफ से कुछ शर्तों के तहत राशन कार्ड सरेंडर करने का नियम बनाया गया है. इन नियमों की अनदेखी आप पर भारी पड़ सकती है और आपसे वसूली हो सकती है. इतना ही नहीं आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है.
दरअसल, कोरोना महामारी (Covid-19) के दौरान सरकार ने गरीब परिवारों को मुफ्त राशन देना शुरू किया था. सरकार की तरफ से शुरू की गई यह व्यवस्था गरीब परिवारों के लिए अभी तक लागू है. लेकिन सरकार की जानकारी में आया है कि कई राशन कार्ड धारक, इसके योग्य ही नहीं हैं और वे फ्री राशन का लाभ उठा रहे हैं. वहीं योजना के पात्र कई कार्ड धारकों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है.
ऐसे में अधिकारियों के माध्यम से अपात्र लोगों से तुरंत राशन कार्ड सरेंडर करने के लिए कहा जा रहा है. अगर कोई अपात्र व्यक्ति राशन कार्ड सरेंडर नहीं करता है तो जांच के बाद उसपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
क्या है नियम
यदि किसी के पास 100 वर्ग मीटर से अधिक का प्लाट, फ्लैट या मकान, चार पहिया गाड़ी या ट्रैक्टर, गांव में दो लाख और शहर में तीन लाख सालाना से अधिक की पारिवारिक आय है तो ऐसे लोगों को अपना राशन कार्ड तहसील और डीएसओ कार्यालय में सरेंडर करना होगा.
होगी वसूली
जानकारी के अनुसार यदि राशन कार्ड को सरेंडर नहीं किया जाता है तो ऐसे लोगों का कार्ड जांच के बाद रद्द कर दिया जाएगा. साथ ही उस परिवार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी. इतना ही नहीं जब से वह राशन ले रहा है, तब से राशन की वसूली भी की जाएगी.
परिवार जिनके पास मोटरकार, ट्रैक्टर, एसी, हार्वेस्टर, पांच केवी या अधिक क्षमता का जनरेटर, 100 वर्ग मीटर का प्लाट या मकान, पांच एकड़ से अधिक जमीन, एक से अधिक शस्त्र लाइसेंस, आयकरदाता, ग्रामीण क्षेत्र में परिवार की आय 2 लाख प्रतिवर्ष और शहरी क्षेत्र में 3 लाख रुपए प्रतिवर्ष वाले परिवार योजना के लिए अपात्र हैं.
लोगों से की गई अपील
उत्तर प्रदेश कई राज्यों में पात्र लोगों के राशन कार्ड नहीं बन पा रहा है. ऐसे में सरकार की तरफ से लोगों से अपील की गई है कि अपात्र लोग राशन कार्ड को सरेंडर कर दें. इससे गरीब परिवारों का कार्ड बनाया जा सके. राशन कार्ड सरेंडर नहीं करने पर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.