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बॉलीवुड इंडस्ट्री ऐसा रहस्यमय तिलिस्म है. इसके बारे में जानना मुश्किल है कुछ लोगों को तो बुलंदियों पर पहुंचा देती है और कुछ लोग गुमनामी के अंधेरे में खो जाते हैं. और कुछ लोग डिप्रेशन में मजबूर होकर आत्महत्या को मजबूर हो जाते हैं यहां पर ऐसे भी हैं. जिनको दूसरे की सफलता अच्छी नहीं लगती ऐसे में नए-नए सफल होने वाले उन लोगों के चक्रव्यूह में फंस जाते हैं. और मौत को गले लगा लेते हैं. यह नई नई सफलता पाने वालों या सफल होने वालों के साथ बड़ी चालाकी से हादसे करा दिए जाते हैं. और उन्हें रास्ते से हटा दिया जाता है.
बॉलीवुड इंडस्ट्री में कई सारी अभिनेत्रियां ऐसी हुई है जो कभी बड़े मुकाम पर थी लेकिन आज एक बहुत ही गुमनामी के अंधेरे में जा चुकी है. इनमें से ही एक नाम अनु अग्रवाल भी का हैं जिन्हें कभी आशिकी गर्ल के नाम से ही लोगो द्वारा जाना जाता था.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अनु ने सिर्फ 21 साल की उम्र में ही फिल्म आशिकी से बॉलीवुड की दुनिया में कदम रख दिया गया था. इस फिल्म में अभिनय करके वह रातोंरात स्टार बन गई थीं और उन्हें लोगो द्वारा आशिकी गर्ल कहकर बुलाने लग गया था. लोग सिर्फ उनकी एक झलक पाने के लिए घर के बाहर लाइन लगाकर खड़े रहा करते थे ताकि उनकी बस एक झलक दिख जाए और लोगो को उनका ऑटोग्राफ मिल जाए.
सब लोग यही बोल रहे थे अनु का बॉलीवुड में भविष्य काफी सुनहरा होगा पर उनकी ज़िंदगी ने कुछ ऐसा मोड लिया कि उनकी तो पूरी ज़िंदगी ही बदल गई. 1999 में अनु का एक बेहद खतरनाक एक्सीडेंट का शिकार हो गई. यह एक्सीडेंट इतना ज्यादा खतरनाक बताया जाता कि अनु को काफी चोटें आ गई थी और फिर वह कोमा में भी चली गईं. अनु का बचना बहुत ही ज्यादा मुश्किल लग रहा था और वह लगभग 29 दिन तक आईसीयू में एडमिट रहीं थी.इसके बाद जब उनको होश आया था तो वह अपनी पूरी याददाश्त खो चुकी थीं.
उनका इलाज चार साल तक चला था पर अनु की स्थिति काफी बिगड़ गई थी और धीर धीरे उनकी हालत में काफ़ी सुधार भी आ गया था. खैर इस एक्सीडेंट के बाद कभी भी अनु बॉलीवुड में अपनी वापसी नहीं कर पाईं थी पर उनका चेहरा काफी ज्यादा बदल चुका था.
बताया जाता है कि अनु ने फिर से आध्यात्म का सहारा लिया था और फिर वह योगा टीचर बन गईं थी. योगा से अभिनेत्री की हालत में बहुत ज्यादा फायदा हुआ था और फिर उन्होंने गरीब बच्चों को भी योगा सिखाना शुरू कर दिया था. साल 2001 में अनु द्वारा संन्यास ले लिया गया था और उनके द्वारा झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को फ्री में योगा सिखाया जाता हैं.