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वर्तमान समय में कई लोग शराब की लत की वजह से परेशान हैं। दुनिया में कई ऐसे लोग हैं जो बिना शराब के नहीं रह पाते हैं। शराब पीना सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक है यह सभी जानते हैं, लेकिन इसके बावजूद लोग ड्रिंक करते हैं। कई लोग तो शराब पीने के बाद बेकाबू हो जाते हैं और जमकर हंगामा करते हैं। आखिर शराब में ऐसी क्या चीज होती है कि लोग इसे पीने के आदि हो जाते हैं? माना यह भी जाता है. बहुत से लोग शौकिया तौर पर शराब पीना शुरू करते हैं. जब प्रत्येक दिन थोड़ा-थोड़ा नियमित पीना शुरू कर देते हैं. फिर शराब पीना आदत में शुमार हो जाता है. इसके बाद शरीर और दिमाग शराबी डिमांड करना शुरू कर देता है और इस प्रकार शराब की लत लग जाती है. दूसरी तरफ वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि लोगों को शराब की लत क्यों लग जाती है जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
नई स्टडी में वैज्ञानिकों ने संकेत दिया है कि इंसानों को शराब की लत बंदरों और लंगूरों की देन है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि बंदर खाने के लिए पके और थोड़े सड़े हुए फलों की तलाश करते रहते हैं। उनका कहना है कि बंदर के खाए गए फलों में लगभग दो प्रतिशत मात्रा शराब मौजूद होती है। रॉयल सोसाइटी ओपन साइंस के जनरल में यह स्टडी प्रकाशित हुई है। आइए जानते हैं कि इस स्टडी में वैज्ञानिकों ने क्या कहा है?
रॉबर्ट डुडले नाम के बायोलॉजिस्ट करीब 25 साल से इंसान में शराब की लत के बारे में शोध कर रहे हैं। रॉबर्ट डुडले बर्कली के यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में काम करते हैं। डुडले ने इंसान में शराब की लत को लेकर साल 2014 में एक किताब लिखी थी जिसका नाम The Drunken Monkey: Why We Drink and Abuse Alcohol है। इस किताब में उन्होंने संकेत दिए हैं कि इंसानों में बंदरों और लंगूरों के कारण शराब की लत लगी है।
उन्होंने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा है कि पके हुए फलों में शराब की खुशबू आती है। इसलिए बंदर खाने के लिए फलों के पकने का इंतजार करते हैं ताकि उनको खाने वाले फलों में शराब का अंश मिल सके।
इंसानों में शराब की लत का पता लगाने के लिए नई स्टडी हुई है। यह स्टडी ड्रंकन मंकी’ हाइपोथेसिस का समर्थन करती है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के बायोलॉजिस्टों द्वारा यह स्टडी की गई है।
बायोलॉजिस्टों ने पनामा में मिलने वाले ब्लैक-हैंडेड स्पाइडर मंकी द्वारा खाए गए फलों और उनके यूरिन के सैंपल को एकत्रित किया है। स्टडी में जानकारी सामने आई है कि बंदर थोड़े सड़ गए फलों को खाते हैं, क्योंकि शराब की एक से दो प्रतिशत मात्रा मिली थी जो नेचुरल फर्मेंटेशन से आई थी।
फलों में शराब की मात्रा लो-अल्कोहल बीयर के बराबर होती है। इसके साथ ही बंदरों के पेशाब में भी अल्कोहल पाया गया है। स्टडी में पता चला है शराब का इस्तेमाल ताकत के लिए करते हैं।
इस स्टडी में शामिल क्रिस्टीना कैम्पबेल का कहना है कि यह साबित हुआ है कि इंसानों की तरह बंदर भी अल्कोहल वाले फल को खाना पंसद करते हैं। उन्होंने बताया कि अभी यह पहली स्टडी है और इस पर अभी काम करना बाकी है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह स्टडी इसलिए की गई है कि कहीं इंसानों में शराब पीने की लत बंदरों के अल्कोहल वाले फल खान की वजह से तो नहीं आई है।