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देहरादून। कोरोना के बाद से आर्थिक तंगी के समय से गुजर रहे रोडवेज प्रबंधन ने बड़ा फैसला लेते हुए चार डिपो का विलय नजदीकी डिपो में कर दिया है। श्रीनगर डिपो का ऋषिकेश डिपो, रुड़की का हरिद्वार, रानीखेत का भवाली व काशीपुर का रामनगर डिपो में विलय किया गया है।
रोडवेज की प्रबंध निदेशक रंजना राजगुरू की ओर से जारी आदेश में बताया गया है कि अब रुड़की, श्रीनगर, काशीपुर व रानीखेत का संचालन केवल बस स्टेशन के तौर पर किया जाएगा। बसों के संचालन पर कोई असर नहीं पड़ेगा और पूर्व में तय समय-सारणी के अनुसार ही बस संचालन होता रहेगा।
रोडवेज के अब तक प्रदेश में 18 डिपो थे, लेकिन ताजा आदेश के बाद अब यह संख्या 14 रह गई है। बता दें कि रोडवेज प्रबंधन इस वक्त वेतन तक देने में सक्षम नहीं। प्रबंधन पर फरवरी व मार्च का वेतन लंबित है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों के देयकों का भुगतान भी लंबित है। इस वजह से प्रबंधन खर्चों में कटौती कर रहा। प्रबंध निदेशक रंजना राजगुरू के अनुसार डिपो में बसों की संख्या करीब 100 होनी चाहिए। यही वजह है कि छोटे डिपो को दूसरे डिपो में विलय किया गया है।
विलय के बाद यह होगी स्थिति
ऋषिकेश डिपो: नई व्यवस्था में ऋषिकेश डिपो में कुल 81 बसें होंगी। कार्यशाला के तकनीकी कार्मिक 52, कार्यशाला लिपिक दो, चालक 117, परिचालक 149 व बस स्टेशन लिपिक 15 होंगे।
अब हरिद्वार डिपो में 146 बसें होंगी, जबकि 14 अनुबंधित बसें पहले की तरह रुड़की से संचालित होंगी। इसके साथ ही कार्यशाला के तकनीकी कार्मिक 97, कार्यशाला लिपिक चार, चालक 209, परिचालक 304 व बस स्टेशन लिपिक 30 होंगे। रुड़की बस स्टेशन पर तीन चालक, 29 परिचालक व 15 लिपिक तैनात रहेंगे।