Rajender Singh for NEWS EXPRESS INDIA
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से तीन वर्ष के मासूम का अपहरण कर उसे देहरादून में बेच दिया गया। अपहरण के आरोपित ने बच्चे का अपने ही जीजा से 50 हजार रुपये में सौदा किया था। रायपुर और दून की शहर कोतवाली पुलिस की संयुक्त टीम ने बच्चे को बरामद कर आरोपित जीजा-साला को गिरफ्तार कर लिया है। रायपुर पुलिस आरोपितों को ट्रांजिट रिमांड पर साथ ले गई है। इस मामले में एक आरोपित अभी फरार है।
शहर कोतवाल केसी भट्ट ने बताया कि नौ मार्च की रात को रायपुर के राजेंद्र नगर में बूढ़ी माई मंदिर के पास झोपड़ी के बाहर से तीन वर्षीय सुभाष का अपहरण कर लिया गया था। वह अपनी मा के साथ सो रहा था। तभी बाइक पर आया एक शख्स सुभाष को लेकर चला गया। बच्चे की बरामदगी और आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट के साथ रायपुर की सिविल लाइन थाना पुलिस जुटी हुई थी। तीन दिन पहले यह टीम देहरादून पहुंची और रविवार को धामावाला क्षेत्र से बच्चे को बरामद कर अपहरणकर्ता इरफान निवासी रायपुर (छत्तीसगढ़) व बच्चे को खरीदने के आरोपित सलीम अहमद को गिरफ्तार कर लिया। इरफान रिश्ते में सलीम का साला है।
बेटे की चाहत ने पहुंचाया जेल
दून के धामावाला में रहने वाले सलीम की तीन बेटिया हैं। सलीम को एक बेटे की चाहत थी, लेकिन चिकित्सकीय समस्या के चलते उसकी पत्नी अगले बच्चे को जन्म नहीं दे सकती। ऐसे में सलीम ने बच्चा खरीदने की योजना बनाई। इसके लिए उसने अपने रिश्तेदारों से लड़का लाकर देने पर मुंह मागी कीमत देने की बात कही थी।
अपहरण से पहले 15 दिन रेकी की
इरफान ने सलीम को 50 हजार रुपये में बच्चा लाकर देने का आश्वासन दिया था। इसके लिए उसने रायपुर के तेलीबांधा में रहने वाले अपने दोस्त शेर खान के साथ मिलकर अपहरण की योजना बनाई। जिसका आसानी से अपहरण किया जा सके, ऐसे बच्चे की तलाश में दोनों ने रायपुर के विभिन्न क्षेत्रों में 10 से 15 दिन तक रेकी की। इसके बाद उन्होंने बूढ़ी माई मंदिर के पास रहने वाले सुभाष को चिह्नित किया। सुभाष का परिवार रात में झोपड़ी के बाहर ही सोता है। ऐसे में उसका अपहरण करना आसान था।
सीसीटीवी फुटेज से पकड़ा गया
इरफान ने बच्चे का अपहरण करने से पहले ही उत्तराखंड आने के लिए टिकट बुक कर लिया था। तीन-चार दिन पहले वह बच्चे को लेकर अपनी पत्नी और बेटी के साथ दून पहुंचा था। उधर, रायपुर में इरफान चोरी के मामले में जेल जा चुका है। आपराधिक रिकार्ड होने की वजह से रायपुर में पुलिस ने जब घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली तो आसानी से उसकी पहचान हो गई। इसके बाद पुलिस ने इरफान को ट्रेस करना शुरू किया। शहर में लगे विभिन्न सीसीटीवी कैमरों की मदद से टीम को उसके रेलवे स्टेशन जाने का पता चला। रेलवे स्टेशन की सीसीटीवी फुटेज से उसके दून आने की पुष्टि हुई। इसी आधार पर रायपुर पुलिस इरफान के पीछे-पीछे दून पहुंची। यहां की पुलिस से समन्वय और शहर में लगे विभिन्न सीसीटीवी कैमरों की जांच के बाद रायपुर पुलिस ने बच्चे को बरामद कर लिया।
किराए का मकान लिया
अपहरण का मुख्य आरोपी इरफान करीब 25 साल से तेलीबांधा के श्यामनगर में किराए के मकान में रह रहा था। अपहरण की वारदात करने के लिए कुछ दिन पहले ही मंदिरहसौद की बस्ती में किराए का मकान लिया था। आरोपी पंडरी, डीडी नगर, कबीर नगर, आमानाका इलाके में चोरी के आरोप में गिरफ्तार हो चुका है। देहरादून में भी चोरी कर चुका है।
पिछले 10 दिनों से सुभाष के पिता बजरंग और उनकी पत्नी का रो रोकर बुरा हाल था। जैसे ही सुभाष को सकुशल बरामद करने की सूचना मिली, उनसे रहा नहीं गया। और पुलिस अधिकारियों से बेटे को एक बार देखने की गुजारिश करने लगे। पुलिस अधिकारियों ने देहरादून स्थित पुलिस टीम के जवान को वीडियो कॉल करके सुभाष को दिखाया। इसके बाद बजरंग और उनकी पत्नी ने राहत की सांस ली। उन्होंने रायपुर पुलिस के सराहनीय कार्य के लिए आभार भी माना।