VSCHAUHAN for NEWS EXPRESS INDIA
रूस ने कीव-खारकीव समेत कई यूक्रेनी शहरों में मिसाइल से हमला शुरू कर दिया है। जिससे स्थिति भयावह होती जा रही है। अभी भी यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में कई भारतीय फंसे हुए हैं।
यूक्रेन और रूस के बीच छिड़ी जंग को लेकर वहां पर रह रहे देहरादून के छात्रों के परिजन भी चिंतित हैं। कुछ छात्रों की अपने परिजनों से मोबाइल पर बात भी हुई है। जिन्होंने वहां फिलहाल ठीक होने की बात कही है, लेकिन जो तस्वीरें सामने आई उसने परिजनों को डरा दिया है।
यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में उत्तराखंड के कई स्टूडेंट्स एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं. रुद्रपुर, पिथौरागढ़ और देहरादून जैसे शहरों के कई छात्र यूक्रेन में जारी संकट के चलते वहीं फंस गए हैं. वहां से उनको भारत में लौटने का साधन भी नहीं मिल पा रहा है. सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि राज्य सरकार, विदेश मंत्रालय के संपर्क में लगाातर है ताकि यूक्रेन में फंसे स्टूडेंट्स को भारत में जल्द से जल्द लाया जा सके.
इसी बीच सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि छात्रों की सुरक्षा को लेकर लगातार विदेश मंत्रालय से संपर्क किया जा रहा। सीएम अभिभावकों से धैर्य रखने और केंद्र से संपर्क कर हर संभव सहायता करने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री के मुताबिक, इस संबंध में विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से भी बात की गई है। प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय की ओर से आश्वस्त किया गया है कि भारतीय छात्रों व नागरिकों को सकुशल वापस लाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूक्रेन में मौजूद उत्तराखंड राज्य के नागरिकों की जानकारी जुटाई जा रही है।
परिजनों का रो रोकर बुरा हाल
असल में यूक्रेन में जो हालात बन गए हैं, उनके चलते इंटरनेशनल उड़ानों के साथ ही ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन भी प्रभावित हुआ है. इंटरनेट सेवाएं भी वहां प्रभावित हैं, जिसके चलते यूक्रेन में फंसे हुए युवाओं के परिवार का बुरा हाल हो गया है. कई परिजनों ने मुख्यमंत्री धामी के सामने रो रोकर अपना दुख बयान किया और चिंता ज़ाहिर की. धामी ने उन्हें पूरी मदद का आश्वासन देते हुए कहा है कि चिंता न करें, भारतीयों को सुरक्षित भारत लाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.
राजकीय जिला कोरोनेशन अस्पताल में वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ एवं प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ डीपी जोशी ने बताया कि यूक्रेन में बिगड़ते हालात के चलते उनका परिवार चिंतित है। आज बृहस्पतिवार सुबह उनकी अपने बेटे अक्षत जोशी से मोबाइल पर बात हुई थी। अक्षत ने बताया कि इमरजेंसी लगने की वजह से मॉल आदि में भीड़ है। लोगो सामान जोड़ रहे हैं।
यहां पानी की बहुत समस्या
अक्षत ने बताया कि वहां पर पीने के पानी की अत्यधिक समस्या है। इसलिए पीने का पानी भी मॉल से बोतल खरीद कर लाना पड़ता है। जिससे यह समस्या बनी हुई है। अक्षत जोशी यूक्रेन के खारकिव शहर से एमबीबीएस कर रहे हैं। उनका एमबीबीएस का तीसरा वर्ष है।
उत्तराखंड के कई छात्र यूक्रेन की राजधानी कीव, लिवीव और खारकीव शहरों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए गए हैं। इनमें राजधानी देहरादून के छात्र भी हैं। वहां के लगातार खराब होते हालात के कारण इन छात्रों के अभिभावकों में चिंता व्याप्त है।