जेल में कैदियों को क्यों मिलती है “काली-सफेद” ड्रेस, जानकारी के लिए पढ़ें पूरी खबर.

VSCHAUHAN for NEWS EXPRESS INDIA

जेल एक ऐसी जगह जहां पर अपराधियों को सजा के लिए कैद करके रखा जाता हैअधिकतर जेल का नाम सुनते ही बड़े से बड़ा हिम्मतवाला वाला व्यक्ति भी डरने लगता है। हर अपराधी को जेल की हवा खानी पड़ती है। जेल के नियम कानून मानने होते हैं। दरअसल, जेल एक ऐसी जगह होती है जहां व्यक्ति कैद रहता है। जेल में रहने वाले कैदियों का बाहरी दुनिया से वास्ता ही नहीं होता है। वैसे तो जेल में खाने-पीने से लेकर रहने तक के कई कठोर नियम होते हैं। इसके साथ ही उन्हें कपड़े भी एक जैसे ही दिए जाते हैं। इसी कड़ी में आज हम बात करेंगे कि कैदियों के कपड़ों के बारे में। आपने कई फिल्मों, धारावाहिकों में देखा होगा कि सजा पाने वाले कैदी एक विशेष तरह के कपड़े पहनते हैं। सफेद रंग के कपड़े और उनपर काले रंग की धारियां होती हैं। ऐसा नहीं है कि ये सब फिल्मों या धारावाहिकों में ही होता है, हकीकत में भी सजा पाने वाले कैदियों को ये ड्रेस दी जाती है। आइए जानते हैं कि इसके पीछे की वजह क्या है…

कैदियों को इस तरह के कपड़े पहनने का कारण इतिहास से जुड़ा हुआ है। ऐसा कहा जाता है कि 18वीं शताब्दी में अमेरिका में ऑबर्न सिस्टम को लाया गया। इस सिस्टम के तहत जेलों और कैदियों के रहन-सहन के नए नियमों को जोड़ा गया। कहा जाता है कि यहीं से आधुनिक जेलों की शुरूआत हुई। इसके बाद यहीं से कैदियों को ग्रे-ब्लैक कलर की धारीदार ड्रेस भी दी गई।

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक जैसी ड्रेस तय होने से अगर कोई कैदी जेल से भाग जाता है तो उसे पकड़ने में मदद मिलती है। इसके पीछे का तर्क ये है कि इस तरह की ड्रेस बाहरी आदमी तो पहनता नहीं है, ऐसे में जब लोग फरार कैदी को देखेंगे तो पुलिस को सूचना देंगे और कैदी पकड़ा जाएगा।

इसके अलावा कैदियों में अनुशासन बनाए रखने के लिए भी इस तरह की ड्रेस दी जाती है। “ग्रे-ब्लैक” स्ट्रिप वाली ड्रेस के पीछे एक और वजह है कि इसे “सिंबल ऑफ शेम” के तौर भी जाना जाता है जिससे अपराधियों को अपने किए अपराध पर पछतावा हो। लेकिन जब कैदियों के मानवाधिकार की बात को रखा गया तो सिंबल ऑफ शेम वाली बात को हटा दिया गया। इसके बाद 19वीं सदी में ड्रेस में बदलाव हुआ और काली-सफेद ड्रेस चलन में आई।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जिन कैदियों की सजा तय हो जाती है, उन्हें ही ये ड्रेस दी जाती है। इसके अलावा जो हिरासत में होते हैं, वो सामान्य कपड़े ही पहनते हैं। हालांकि, ऐसा नहीं है कि पूरी दुनिया में कैदियों के लिए एक ही ड्रेस है। हर देश के कैदियों के लिए अपना अलग-अलग ड्रेस कोड होता है। अब ऐसे में भारत के कैदियों की बात करें तो अंग्रेजों के समय से ही ऐसी ड्रेस का चलन है जो आज तक चल रहा है

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