उत्तराखंड में लावारिस घूम रहे पशुओं को गिरोह द्वारा उठाकर, यूपी में काटे जा रहे हैं लावारिस पशु। खुलासा.

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रुद्रपुर। गोवंश संरक्षण अधिनियम का सख्ती से अनुपालन न हो पाने के कारण उत्तराखंड में लावारिस घूम रहे पशु यूपी में काटे जा रहे हैं। खासकर यूपी का रामपुर जिला पशु हत्या का गढ़ बनता जा रहा है। पशुओं की रक्षा के लिए नगर निकायों, प्रशासन और विभिन्न संगठनों के दावे भी खोखले साबित हो रहे हैं।

रुद्रपुर के खाली प्लॉट में पशुओं की हत्या कर शवों को फेंकने वाला गिरोह भी रात के समय सड़कों पर लावारिस घूमने वाले पशुओं को ही अपना निशाना बनाता है। सड़कों पर घूम रहे पशुओं को चुराने के बाद गाड़ी में डालकर यूपी के रामपुर आदि स्थानों पर ले जाया जा रहा है, जहां इस गिरोह के सदस्य पशुओं को मांस बिक्री करने के लिए खरीदते हैं। यह गिरोह उत्तराखंड में कई सालों से सक्रिय है।

गोरक्षा दल के जिलाध्यक्ष विराट आर्या ने कहा कि नगर निगम और प्रशासन की लापरवाही के कारण पशुओं की सुरक्षा नहीं हो पा रही है। पशुओं के मालिक भी पशुओं को खुलेआम सड़कों पर छोड़ रहे हैं। इसके बावजूद उन्हें रखने के लिए कोई भवन नहीं बनाया जा रहा है। नगर निगम और प्रशासन से इनको रखने के लिए भवन बनाने की मांग की जाएगी।

सीओ अभय सिंह ने बताया कि सोमवार रात रुद्रपुर में खाली प्लॉट में दो पशुओं के शवों के फेंकने की वजह गाड़ी का लॉक खराब होने की बात कही जा रही है। जिस गाड़ी में पशुओं को चुराकर ले जा रहे थे, उस गाड़ी के पिछले गेट का लॉक खराब हो गया था। जिस कारण वह पशुओं को काटने के बाद मांस नहीं ले जा सके थे।

शुक्रवार को पुलिस के हत्थे चढ़ा 70 वर्षीय अफसर अली भी कई साल से इस धंधे से जुड़ा है। उसके खिलाफ रामपुर में दो मुकदमे दर्ज हैं, जबकि रामपुर कोर्ट में आत्मसमर्पण करने वाला दानिश इस गिरोह का सरगना होने के साथ ही हिस्ट्रीशीटर बदमाश भी है। उसके खिलाफ गदरपुर, काशीपुर समेत रामपुर में गोवंश अधिनियम व लूट आदि के 19 मुकदमे दर्ज हैं।
दानिश स्वयं चालक होने के साथ ही पशुओं को चुराकर रामपुर ले जाता था। इसके साथ ही पकड़े गए अयूब उर्फ हक्ला के खिलाफ रामपुर व बिलासपुर में पांच मुकदमे व शौकत अली पर चार मुकदमे दर्ज हैं। फरार उस्मान भी हिस्ट्रीशीटर बदमाश है। उसके खिलाफ पांच व नईम के खिलाफ चार मुकदमे दर्ज हैं। सीओ अभय सिंह ने बताया कि यह गिरोह विशेषकर रात के समय लावारिस घूम रहे पशुओं को चुराकर ले जाता था।

यह कुमाऊं के विभिन्न जिलों से रात के समय पशुओं को चुराने के बाद गाड़ियों में भरकर रामपुर ले जाता है। इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्लॉट में हत्या कर फेंके गए पशुओं का अभी तक कोई मालिक सामने नहीं आया है।

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